
इस क्षेत्र में तनाव के साथ सीमा पर शांति बहाली सबसे बड़ी चुनौती।
नई दिल्ली। भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील के उत्तरी दक्षिणी किनारे से सैनिकों और हथियारों को पीछे ले जाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इस बीच थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कहा है कि पैगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से भारत-चीन सेनाओं के पीछे हटने से अंतिम परिणाम बहुत अच्छा रहा।
लंबा रास्ता सफर करना बाका है
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी लंबा रास्ता तय करना है और अगला कदम तनाव कम करना है। आर्मी चीफ ने कहा कि लद्दाख गतिरोध के दौरान चीन और पाकिस्तान के बीच साठगांठ के कोई संकेत नहीं मिले लेकिन भारत ने केवल दो को ध्यान में रख कर नहीं, बल्कि ढाई मोर्चे के लिए दूरगामी योजना बना रखी है।
एमएम नरवणे आधे मोर्चे का हवाला आंतरिक सुरक्षा के लिए दे रहे थे। उन्होंने कहा कि गतिरोध की शुरुआत से ही भारत की तरफ से सभी पक्षों ने मिलकर काम किया।
भरोसे की कमी बरकरार
एमएम नरवणे ने विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कहा कि पूर्वी लद्दाख में लंबित अन्य मुद्दों के समाधान के लिए भी रणनीति बनाई गई है। सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हो गई लेकिन भरोसे की कमी है।
Updated on:
25 Feb 2021 09:41 am
Published on:
25 Feb 2021 09:36 am
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