ये मामले कांगड़ा (Kangra) जिले का है, जहां शाहपुर कार्यालय ने एक रजिस्ट्रेशन नम्बर की ऑक्शन के एवज में 18 लाख 22 हज़ार 500 रुपए कमाए हैं। यह नम्बर करनाल की एक कम्पनी ने ऑनलाइन बोली (Online Auction) के जरिए से प्राप्त किया है। बड़ी बात यह है कि यह नम्बर करोड़ों रुपये की गाड़ी के लिए नहीं, बल्कि 60 से 80 हज़ार रुपये में खरीदी गई स्कूटी (Scooty) के लिए लिया गया है। करनाल जिले की एक निजी कंपनी राहुल पैम प्राइवेट लिमिटेड ने एक नई स्कूटी शाहपुर में कंपनी के नाम रजिस्टर्ड करवाई है।
एक हफ्ते तक चली बोली कंपनी सरकार से एचपी 90-0009 नंबर लेना चाह रही थी। इस वीआईपी नंबर को लेने के लिए कंपनी ने सरकार की ओर से घोषित ऑनलाइन बोली में हिस्सा लिया। बोली 20 जून को शुरू हुई थी और 26 जून शुक्रवार शाम को खत्म हुई।
स्कूटी के लिए 18 लाख 22 हजार 500 की बोली एक हफ्ता चली ऑनलाइन बोली में कंपनी ने स्कूटी के वीआईपी नंबर के लिए सबसे ज्यादा 18 लाख 22 हजार 500 रुपये की बोली लगाई और मंगलवार को तय समय के मुताबिक धन चुकता कर यह वीआईपी नम्बर अपने नाम कर लिया है.
10 से 15 लाख तक की भी लगी बोली जानकारी के मुताबिक इसके लिए कुछ और लोगों ने भी 10 से 15 लाख रुपये तक की बोली लगाई थी। सरकार ने वीवीआईपी नंबर के लिए पिछले हफ्ते ही खुली बोली लगाने की अधिसूचना जारी की थी। गौरतलब है कि सरकार ने वीवीआईपी नम्बर लेने के लिए ऑनलाइन बोली शुरू की थी। कोई भी व्यक्ति 0001 को छोड़ कर अन्य नम्बर रुपए देकर खरीद सकता था। यह बोली 75 हज़ार से शुरू हुई थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हिमाचल की दिग्गज सियासी फैमली को यह नंबर गिफ्ट किया जा सकता है। हमीरपुर से ताल्लुक रखने वाली इस फैमली का लक्की नंबर 9 है। वहीं, 5 अतिरिक्त नंबरों की बोली से करीब 24 लाख रुपये की कमाई हुई है।