
करतापुर कॉरिडोर की सुरक्षा में लगेंगे 1000 जवान, बीएसएफ संभालेगी जिम्मा
नई दिल्ली। पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा साहेब कॉरिडोर जहां भारतीय सिख समुदाय के लिए एक विशेष महत्व रखता है, वहीं भारत ने इसके लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया है। भारत सरकार ने कॉरिडोर की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीमा सुरक्ष बल (बीएसएफ) को सौंपी है। भारत और पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित इस कॉरिडोर की सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए बीएसएफ ने 1000 सैनिकों की एक नई बटालियन बनाने का फैसला किया है। इसके साथ कॉरिडोर से होकर गुजरने वालों पर पैनी नजर रखी जाएगी। इसकी सुरक्षा के लिए सर्विलांस और स्मार्ट उपकरणों की मदद ली जाएगी। हालांकि बीएसएफ अफसरों के अनुसार करतारपुर कॉरिडोर की सुरक्षा उसके लिए कोई बड़ा मसला नहीं है। वह इसलिए क्योंकि वह लंबे समय से अटारी-वाघा सीमा पर ऐसे ही काम को कर रही है।
वहीं, बीएफएफ के महानिदेशक रजनीकांत मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर सड़क कॉरिडोर जवानों के लिए सुरक्षा चुनौती नहीं है, क्योंकि जवान पहले से ही वाघा-अटारी अंतर्राष्ट्रीय सीमा को संभाल रहे हैं, जहां कई लोग अंतर्राष्ट्रीय सीमा को पार करते हैं। उन्होंने बीएसएफ के वार्षिक सम्मेलन में मीडिया से कहा कि सीमा सुरक्षा बल के रूप में, हमें जो भी उत्तरदायित्व दिया जाएगा, उसका हम पालन करेंगे। करतारपुर कॉरिडोर का शुरू होना हमारे लिए चुनौती नहीं है..यह हमारे लिए मुश्किल चीज नहीं है, क्योंकि हम वाघा-अटारी सीमा पर बड़ी संख्या में लोगों के आने-जाने का प्रबंधन करते हैं। महानिदेशक ने यह बयान यह पूछे जाने के बाद दिया कि क्या इस कॉरिडोर के निर्माण के बाद सुरक्षाबलों को सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
पाकिस्तान द्वारा बीएसएफ के हेड कांस्टेबल नरेंदर कुमार की हत्या किए जाने के मामले में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि बल ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है। बीएसएफ जवानों के निर्णय लेने की स्वतंत्रता के सवाल पर उन्होंने कहा कि गंभीर स्थितियों में बल को किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। विषम परिस्थितियों में बल को निर्णय लेने के लिए कह दिया गया है।
Published on:
01 Dec 2018 07:47 am
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