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हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि का बड़ा बयान, भारत हिंदू राष्ट्र होता तो सीएए की जरूरत नहीं पड़ती

अध्यक्ष चक्रपाणि ने कहा कि अंग्रेजों के अविभाजित भारत छोड़कर जाने के बाद पाकिस्तान ने इस्लामिक राष्ट्र बनना चुना, लेकिन एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र बनकर भारत ने सीएए को अनिवार्य कर दिया।

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हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि का बड़ा बयान, भारत हिंदू राष्ट्र होता तो सीएए की जरूरत नहीं पड़ती

नई दिल्ली। हिंदू महासभा ने मंगलवार को कहा कि अगर विभाजन के बाद भारत हिंदू राष्ट्र होता तो यहां सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) जैसे कानून की जरूरत नहीं पड़ती। विवादित बयानों के लिए चर्चित हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि ने कहा कि अंग्रेजों के अविभाजित भारत छोड़कर जाने के बाद पाकिस्तान ने इस्लामिक राष्ट्र बनना चुना, लेकिन एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र बनकर भारत ने सीएए को अनिवार्य कर दिया। अध्यक्ष चक्रपाणि ने कहा, "अगर हमने एक हिंदू राष्ट्र बनने के बदले धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनना नहीं चुना होता तो आज सीएए की कोई जरूरत नहीं होती।"

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हालांकि, सीएए भारत के बाहर मुख्य रूप से इन देशों में सताए हुए अल्पसंख्यकों के लिए है। सीएए कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न झेलकर भारत में 31 दिसंबर, 2014 और इससे पहले से रह रहे गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को स्वत: ही भारत की नागरिकता प्रदान करता है।


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