
नई दिल्ली। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भारत बंद पर मंगलवार को एक विवादित बयान दिया है। मायावती ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने समय रहते एससी-एसटी एक्ट पर ध्यान दिया होता तो आज देश का ये हाल नहीं होता। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए मायावती ने कहा कि अगर आगे भी एससी-एसटी एक्ट को नदरअंदाज किया गया तो देश में इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी।जाति को माध्यम बनाकर दलितों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
संघर्ष जारी रखने का एलान किया
बसपा सुप्रीमो ने केंद्र से एससी-एसटी अत्याचार निवारण कानून पर जल्द ही विचार करने को कहा है। साथ ही वह बोलीं कि सरकार ने लोगों की बात मान ली होती तो न तो भारत बंद की नौबत आती और ना ही गैर आंदोलनकारी असामाजिक तत्वों को सरकारी लापरवाही के कारण आगजनी व हिंसा का मौका मिलता।
उन्होंने एससी-एसटी और दलितों से जुड़े मामलों में आगे भी इसी तरह से जबरदस्त संघर्ष जारी रखने का ऐलान भी किया है।
भारत बंद को बताया सफल
बसपा सुप्रीमो ने अपनी बातों को यहीं विराम नहीं दिया। उन्होंने भारत बंद को सफल बताते हुए आंदोलनकारियों का आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का पुनर्विचार याचिका दाखिल करना एक नाटक नहीं होना चाहिए, न ही ये पुनर्विचार याचिका लोगों को गुमराह करने वाला होना चाहिए।
मायावती ने हिंसक घटनाओं पर बीजेपी को घेरते हुए कहा कि बीजेपी इन घटनाओं की आड़ में लोगों को भड़काने की कोशिश कर रही हैद्ध जबकि सरकार को शांति-व्यवस्था की बहाली पर ध्यान देना चाहिए और घायलों और मृतकों की सहायता करनी चाहिए।
भारत बंद का असर 12 राज्यों में
बता दें कि एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलितों ने सोमवार को भारत बंद का ऐलान किया था। जिसका असर देश के 12 राज्यों में देखा गया। इनमें से उन राज्यों में भी हिंसा और प्रदर्शन देखने को मिला, जहां इस साल चुनाव होने हैं। मध्यप्रदेश और राजस्थान इनमें शामिल हैं। इस हिंसा में मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा 7, यूपी और बिहार में तीन-तीन, वहीं राजस्थान में एक की मौत हुई।
Published on:
03 Apr 2018 04:44 pm
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