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5 साल बाद दाभोलकर हत्‍याकांड में सीबीआई और महाराष्‍ट्र एटीएस को मिली बड़ी सफलता, शार्प शूटर गिरफ्तार

सीबीआई ने शूअर एंडूर को गिरफ्तार करने के बाद कालस्‍कर की हिरासत भी अदालत से मांग सकती है।

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Dhirendra Kumar Mishra

Aug 19, 2018

dabholkar

5 साल बाद दाभोलकर हत्‍याकांड में सीबीआई और महाराष्‍ट्र एटीएस को मिली बड़ी सफलता, शार्प शूटर गिरफ्तार

नई दिल्‍ली। सीबीआई और महाराष्‍ट्र एटीएस ने तर्कवादी डॉ. नरेंद्र दाभोलकर हत्‍याकांड मामले में बड़ी सफलता हासिल करने का दावा किया है। दोनों जांच एजेंसियों के अधिकारियों ने संयुक्‍त प्रयास के तहत पुणे निवासी तर्कवादी दाभोलकर के आरोपी दो शूटर में से एक को गिरफ्तार कर लिया है। जांच एजेंसी के अधिकारियों ने इस मामले में सचिन प्रकाश राव एंड्यूरे को गिरफ्तार किया है। सचिन प्रकाश को आरोपी दो शार्प शूटर्स में से एक है जिसने दाभोलकर की हत्‍या की थी। एंडूर को आज पुणे की अदालत में पेश किया गया। सूत्रों ने कहा कि सीबीआई बाद में कालस्कर की हिरासत मांगेगी।

पूछताछ के बाद गिरफ्तारी
इस मामले में सीबीआई की जांच जारी है। शरद कालस्‍कर से पूछताछ के बाद यह गिरफ्तारी हुई है। उसने कहा कि वह और एंडूर दोनों तर्कवादी दाभोलकर की हत्‍या में शामिल थे। इस बीच एटीएस ने एंडूर को सीबीआई सुपुर्द कर दिया है। अब इस बात की संभावना ज्‍यादा है कि इसके बाद शरद कालस्‍कर को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।

कालस्‍कर ने भी निभाई अहम भूमिका
एटीएस के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि शरद कालस्‍कार ने पूछताछ के दौरान स्‍वीकार किया है कि उसने दाभोलकर की हत्‍या में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दोनों ने मिलकर एक मोटरसाइकिल की व्‍यवस्‍था की थी। दोनों हिंदूवादी संगठनों से जुड़े हैं। सूत्रों ने कहा कि सीबीआई बाद में लस्कर की हिरासत मांगेगी।

चार साल से सीबीआई कर रही थी जांच
सीबीआई और महाराष्‍ट्र एटीएस ने ये गिरफ्तारी बंबई उच्च न्यायालय द्वारा फटकार लगाए जाने के बाद की है। दाभोलकर को 20 अगस्त, 2013 को मोटरसाइकिल पर दो हमलावरों ने अपने पुणे निवास के बाहर गोली मार दी थी। पुणे पुलिस ने एक हत्या का मामला दर्ज किया था और जांच मई, 2014 में सीबीआई को सौंपी गई थी।

अकोलकर की गिरफ्तारी के लिए जिम्‍मेदार कौन
इस बीच दाभोलकर मामले में सनातन संस्थान सदस्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील संजीव पुनालेकर ने कहा कि अभी तक मुझे नहीं पता कि एंडूर नाम का यह व्यक्ति सनातन संस्थान का सदस्य है या नहीं। उनकी गिरफ्तारी पिछली गिरफ्तारी के बारे में गंभीर सवाल उठाती है। अपने पहले आरोपपत्र में सीबीआई ने कहा कि अकोलकर और पवार दो हमलावर हैं। अब यह तीसरा नाम आया है कि यदि पिछली गिरफ्तारी गलत हैं, तो गलत गिरफ्तारी के लिए कौन जिम्मेदार है। आपको बता दें कि 20 अगस्त, 2013 को पुणे में वी आर शिंदे ब्रिज में नरेंद्र दाभोलकर को दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी थी।


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