
जनरल बिपिन रावत को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के तौर पर पदभार संभाल लिया। इस दौरान तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहे। इससे पहले गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान सीडीएस रावत के साथ थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे, एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया और नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। साउथ ब्लॉक में गार्ड ऑफ ऑनर से पहले सीडीएस रावत राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
किसी देश के सिस्टम को कॉपी नहीं करेंगे
इसके मौके पर रावत ने कहा कि- तीनों सेनाएं एक टीम के रूप में काम करेंगी। हमें एकीकरण को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि हम किसी देश के सिस्टम को कॉपी नहीं करेंगे। राजनीतिक झुकाव से जुड़े आरोप पर सीडीएस रावत ने कहा कि हम राजनीति से बहुत दूर रहते हैं। सत्ता में जो सरकार होती है उसके निर्देशों के अनुसार काम करना होता है।
31 दिसंबर से प्रभावी नियुक्ति
पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को सोमवार को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया गया था। बता दें, सीडीएस का काम सेना, नौसेना और वायुसेना के कामकाज में बेहतर तालमेल लाना है। जनरल रावत की सीडीएस के पद पर नियुक्ति 31 दिसंबर से प्रभावी हुई।
2016 में बने थे सेना प्रमुख
जनरल रावत ने 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख बने थे। वह मंगलवार को सेवानिवृत्त हुए। सेना प्रमुख बनने से पहले वह पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा, चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा और पूर्वोत्तर में विभिन्न संचालनात्मक जिम्मेदारियां संभाल चुके थे। रक्षा मंत्रालय के अनुसार- 'सरकार ने जनरल रावत को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त करने का फैसला किया है, जो 31 दिसंबर से अगले आदेश तक प्रभावी होगा।
Updated on:
01 Jan 2020 03:53 pm
Published on:
01 Jan 2020 12:01 pm
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