
कश्मीर में सीजफायरः केंद्र सरकार को सेना की बड़ी चेतावनी, बताईं मुसीबतें
श्रीनगर। रमजान के महीने में सीजफायर के मिले सकारात्मक परिणाम से उत्साहित केंद्र सरकार की ओर से इसकी मियाद बढ़ाए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ सेना इसके पक्ष में नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेना ने अपनी तीन चिंताएं केंद्र के सामने रखी है और केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा है कि सुरक्षा के लिहाज से सीजफायर की अवधि बढ़ाना राज्य के लिए ठीक नहीं होगा। इस संबंध में पिछले दिनों कश्मीर गए गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ एक सेना की एकीकृत कमान के कोर कमांडरों ने एक बैठक भी की थी। सोमवार को ही जैश-ए-मोहम्मद की तरफ से पांच आतंकी हमले की साजिश रचने की भी खबर सामने आई थी।
...इसलिए सेना नहीं चाहती सीजफायर बढ़ाना
- सेना के मुताबिक कश्मीर में हिंसा बढ़ाने के लिए पाकिस्तान नहीं चाहता कि सीजफायर की अवधि बढ़ाई जाए। इसके चलते बड़ी संख्या में आतंकियों को घुसपैठ के लिए भेजा जा रहा है। पिछले दिनों में यह आंकड़ा दो-तीन से बढ़कर पांच-छह तक पहुंच गया है।
- सेना के मुताबिक स्थानीय आतंकियों को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति कम होती जा रही है, इसलिए वे सुरक्षा बलों से हथियार छीन रहे हैं। सीजफायर की अवधि बढ़ने से उन्हें फिर से हथियार जुटाने में मदद मिलेगी।
- पिछले एक अरसे में सेना ने अपने ऑपरेशन्स में कई आतंकी ढेर कर दिए हैं। कई कोर कमांडर मारे जाने से आतंकी संगठन इस समय दबाव में हैं। सीजफायर बढ़ने से उन्हें फिर एकजुट होने का मौका मिल जाएगा।
रमजान में सीजफायर के नतीजे ऐसे रहे
रमजान में सीजफायर के दौरान मात्र 26 दिनों के अंदर अब तक 20 आतंकी हमले हुए हैं। इनमें 50 आम नागरिक और 64 जवान घायल हुए हैं। इन दिनों में 45 नए आतंकी भी भर्ती हुए हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक रमजान के पवित्र महीने में सुरक्षा बलों ने ना तो कोई सर्च ऑपरेशन चलाया और ना ही किसी रिहायशी इलाके को खाली करवाया। हालांकि जंगल के इलाकों में तीन पलटवार जरूर हुए हैं जिनमें आठ आतंकी ढेर हुए। एक महीने में पत्थरबाजी की घटनाएं 90 फीसदी तक कम हुई हैं।
Published on:
12 Jun 2018 04:20 pm
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