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किसान आंदोलन को लेकर भड़काऊ ट्वीट्स पर केंद्र सरकार सख्त

क्या है मामला- पहले ब्लॉक करने के लिए सरकार ने 257 अकाउंट की भेजी थी लिस्ट- ट्विटर ने 257 अकाउंट में से कुछ को ब्लॉक कर अनब्लॉक कर दिया- 1178 अकाउंट्स की लिस्ट भेजी, कहा- खालिस्तान समर्थक, ब्लॉक करो- सरकार की चेतावनी- मनमानी पर जेल भेजे जा सकते ट्विटर अधिकारी, देश में 'ट्विटर बंदी', फाउंडर से सरकार नाराज

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किसान आंदोलन को लेकर भड़काऊ ट्वीट्स पर केंद्र सरकार सख्त

किसान आंदोलन को लेकर भड़काऊ ट्वीट्स पर केंद्र सरकार सख्त

नई दिल्ली. किसान आंदोलन में ट्वीटर के प्रयोग को लेकर सरकार और ट्वीटर और सरकार आमने—सामने आ गए हैं। सरकार ने ट्विटर को 1178 ट्वीटर अकाउंट्स को बंद करने और ऐसे ट्वीट्स को हटाने का निर्देश है। हालांकि इससे पहले ऐसे ही 257 अकाउंट को बंद करने के लिए बोला था, जिस पर ट्वीटर ने पहले उन्हें ब्लॉक किया और बाद में फिर अनब्लॉक कर दिया। जिससे सरकार का पारा चढ़ गया और ट्वीटर को सीधे नोटिस थमा दिया गया है। जिसमें साफ कहा कि ट्वीटर सरकार की बात मानने के लिए बाध्य है। सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर ट्वीटर ने अपनी मनमानी की तो उसे आइटी एक्ट की धारा 69ए के तहत मनमानी पर जुर्माना लगाया जाएगा व अधिकारियों को सात साल के लिए जेल भेजा जा सकता है।

विवाद के पीछे किसान-
दरअसल, ट्वीटर से सरकार के विवाद के पीछे किसान मुद्दा है। सरकार का तर्क है कि भड़काऊ भाषण, ट्वीट व खबरें फैलाने वाले अकाउंट खालिस्तान समर्थकों के हैं या फिर इन्हें पाकिस्तान से शह मिली है। यह भारत में अशांति फैलाने का काम कर रहे हैं। लेकिन ट्वीटर के सीईओ और फाउंडर जेक डार्सी पर खुद किसान आंदोलन को समर्थन करने का आरोप लगा है। उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किया था और रेहाना, पत्रकार करेन अतीहा जैसी सेलेब्रिटी के किसान आंदोलन समर्थित ट्वीट को लाइक किया था।

ट्विटर के रिएक्शन पर सरकार नाराज -
ट्विटर ने अकाउंट को ब्लॉक और अनब्लॉक के मामले में अपनी सफाई देते हुए कहा था, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रा की रक्षा व स्थानीय कानून का सम्मान करना है। हमें किसी अवैध सामग्री के बारे में कानूनी निर्देश मिलता है तो ट्विटर नियमों व स्थानीय कानून के तहत उसकी समीक्षा करते हैं। यदि कोई सामग्री ट्विटर के नियमों का उल्लंघन करते मिलती है तो उसे हटाते हैं। जरूरत पड़ती है तो अकाउंट पर एक्शन भी लेते हैं। हालांकि सरकार का कहना था, 'नरसंहार की बात करना अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है। यह कानून-व्यवस्था के लिए खतरा है। दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हिंसा हो चुकी है। जबकि ट्विटर ने पहले कुछ अकाउंट ब्लॉक कर फिर अनब्लॉक कर दिया।

क्या लिखा है नोटिस में -
ट्वीटर को भेजे गए नोटिस में केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि ट्विटर एक इंटरमिडियरी है। वह सरकार का आदेश मानने को बाध्य है। इससे इनकार पर शीर्ष अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई होगी।

सेलेब्रिटीज के ट्वीट की जांच?
किसान आंदोलन के पक्ष में सेलेब्रिटीज के ट्वीट की जांच होगी। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बयान देकर यह बात कही है। उनका तर्क है कि इस जांच का मकसद सिर्फ इतना है कि कहीं भाजपा ने सेलेब्रिटीज पर दबाव तो नहीं डाला है। हम उन्हें सुरक्षा देना चाहते हैं। हालांकि भाजपा ने इसकी सख्त आलोचना की तो वहीं सत्तापक्ष ने इसका समर्थन किया है। गौरतलब हो कि सचिन तेंदुलकर, अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी व साइना नेहवाल जैसे सेलिब्रिटीज ने किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट किया था। इनका ट्वीट पैटर्न एक जैसा था। साइना व अक्षय का ट्वीट कंटेंट एक है। सुनील शेट्टी ने भाजपा नेता को टैग किया था। जिस पर विपक्ष ने आरोप लगाए थे कि यह ट्वीट भाजपा ने करवाए थे।