scriptकोरोना का ‘इंडियन वेरिएंट’ शब्द इस्तेमाल करने पर केंद्र सरकार सख्त, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को हटाने के निर्देश | Central government strict on using term 'Indian variant' of Corona, instructions to remove social media platform | Patrika News

कोरोना का ‘इंडियन वेरिएंट’ शब्द इस्तेमाल करने पर केंद्र सरकार सख्त, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को हटाने के निर्देश

locationनई दिल्लीPublished: May 22, 2021 10:54:05 pm

Submitted by:

Anil Kumar

भारत सरकार ने तमाम सोशल मीडिया पोस्ट में कोरोना के B 1.617 वेरिएंट के लिए तथाकथित ‘इंडियन वेरिएंट’ शब्द के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति जताई है और कोरोना के इस नए वैरिएंट को ‘इंडियन वेरिएंट’ कहने के बजाए इसके वैज्ञानिक नाम यूज करने को कहा है।

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Central government strict on using term ‘Indian variant’ of Corona, instructions to remove social media platform

नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और इस बीच कई देशों में अलग-अलग वेरिएंट ( Corona New Variant ) पाए जाने के बाद से स्थिति और भी भयावाह होती दिख रही है। इसी में से एक वेरिएंट भारत में भी मिला है, जो कई देशों में भी पाया गया, जिसे सोशल मीडिया पर ‘इंडियन वेरिएंट’ के तौर पर बताया जा रहा है।

ऐसे में भारत सरकार ने तमाम सोशल मीडिया पोस्ट में कोरोना के B 1.617 वेरिएंट के लिए तथाकथित ‘इंडियन वेरिएंट’ शब्द के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति जताई और कोरोना के इस नए वैरिएंट को ‘इंडियन वेरिएंट’ कहने के बजाए इसके वैज्ञानिक नाम यूज करने को कहा है।

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सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MIETY) ने सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्मों से इस तरह के कंटेंट को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं। सरकार नें ट्विटर, फेसबुक, कू और अन्य सभी लोकप्रिय सोशल मीडिया साइटों को इस संबंध में कार्रवाई करने के लिए कहा है।

केंद्र सरकार ने इस संबंध में एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का हवाला देते हुए कहा कि वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित इंडियन वैरिएंट नाम की कोई चीज नहीं है।

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WHO ने ‘इंडियन वेरिएंट’ यूज करने पर जताई आपत्ति

WHO ने “इंडियन वेरिएंट” शब्द को कोरोना वायरस के B.1.617 वेरिएंट से नहीं जोड़ा है। भारत का मानना है कि B.1.617 संस्करण को भारतीय वायरस करार देकर गलत सूचनाओं को फैलाने के लिए जानबूझकर प्रयास किया गया है, जबकि डब्ल्यूएचओ कभी भी उन देशों के नामों के साथ वायरस या वेरिएंट की पहचान नहीं करता है, जहां से वे पहली बार रिपोर्ट किए गए हैं।

डब्ल्यूएचओ ने ट्वीट किया, “डब्ल्यूएचओ उन देशों के नामों के साथ वायरस या वेरिएंट की पहचान नहीं करता है, जहां से वे पहली बार रिपोर्ट किए गए हैं। हम उन्हें उनके वैज्ञानिक नामों से संदर्भित करते हैं और सभी से ऐसा ही करने का अनुरोध करते हैं।” इससे पहले महामारी की पहली लहर के दौरान चीन ने भी ‘वुहान वायरस’ शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई थी।

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आपको बता दें कि अभी हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा कोरोना के एक वेरिएंट को सिंगापुर के साथ जोड़ने पर विवाद हो गया था। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया कि सिंगापुर से उत्पन्न होने वाले कोरोना वायरस का एक प्रकार बच्चों को प्रभावित कर सकता है।

केजरीवाल के इस ट्वीट पर सिंगापुर ने गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया और सिंगापुर में सोशल मीडिया साइटों से तत्काल ऐसी सामग्री को हटाने के लिए कहा। लेकिन भारत में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने B .1.617 संस्करण को भारतीय वायरस करार दिया, जिसको लेकर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई। वहीं इसको लेकर कई नेताओं ने कमलनाथ पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

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