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कोरोना मृतकों को मुआवजे पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कही बड़ी बात

locationनई दिल्लीPublished: Jun 27, 2021 05:53:57 pm

Submitted by:

Anil Kumar

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में कहा है कि बात पैसे की नहीं है,, लेकिन फिर भी 4-4 लाख रुपये का मुआवजा नहीं दे सकते हैं।

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Central Govt Told Supreme Court That We Can Not Give 4 lakh Compensation For Covid Death, Because Issue Is Not Of Fiscal Affordability But Its Proper Use

नई दिल्ली। कोरोना महामारी की चपेट में आकर देश में अब तक तीन लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, अभी भी हर दिन एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो रही है। मरने वालों में कई ऐसे लोग शामिल हैं, जिनके परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया है, तो वहीं कई ऐसे बच्चें हैं जो अनाथ हो गए हैं।

ऐसे में अब केंद्र सरकार से कोरोना मृतकों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की मांग की जा रही है। लेकिन केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि वह मुआवजा नहीं दे सकती है। केंद्र सरकार ने देश की सर्वोच्च अदालत में एक बाऱ फिर से कहा है कि कोरोना की चपेट में आकर मरे लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा नहीं दे सकते हैं। हालांकि, इस बार सरकार ने कोर्ट में कुछ अलग ही तर्क दिया है।

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इससे कुछ दिन पहले इस मामले में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए कहा था कि वह मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा नहीं दे सकती है। सरकार ने बताया था कि यदि इस तरह से सभी मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देंगे तो फंड की कमी हो जाएगी। हालांकि, अब अपने दूसरे हलफनामे में सरकार ने कहा कि बात पैसे की नहीं है, लेकिन फिर भी मुआवजा नहीं दे सकते हैं।

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संसाधनों का हो सही इस्तेमाल: सरकार

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में कहा है कि बात पैसे की नहीं है,, लेकिन फिर भी 4-4 लाख रुपये का मुआवजा नहीं दे सकते हैं, क्योंकि सरकार को संसाधनों का सही इस्तेमाल करना है। सरकार ने आगे जवाब देते हुए कहा, “मुद्दा पैसे का नहीं है, बल्कि सरकारी खजाने और बाकी सभी संसाधनों के विवेकपूर्ण और तर्कसंगत इस्तेमाल का है।”

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया ये तर्क

बता दें कि चार लाख के मुआवजे की मांग के संबंध में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 39 पन्नों का हलफनामा दायर किया। इसमें सरकार ने मुआवजा नहीं दिए जाने को लेकर कही तरह के तर्क दिए हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अभी इसपर अपना कोई फैसला नहीं सुनाया है।

सरकार ने बताया कि ये महामारी पहली बार आई है। ऐसे में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के पास फंड ही नहीं है। इसके लिए सरकार के कंसोलिडिटेड फंड का इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार ने कहा, 2015 से 2020 के बीच 12 खास प्राकृतिक आपदाओं पर राहत के लिए खर्च की सिफारिश है, इसमें भूकंप, बाढ़, सूखा, तूफान, सुनामी, भूस्खलन, बादल फटना जैसी आपदाएं शामिल हैं, लेकिन इसमें कोविड-19 या कोरोना शामिल नहीं है। सरकार ने बताया कि किसी भी राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेश ने अभी तक एसडीआरएफ से कोविड पीड़ितों को कोई मुआवजा नहीं दिया है।

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सरकार ने कहा कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत अभी ऐसी कोई गाइडलाइन या योजना नहीं है, जिसके आधार पर कोरोना संक्रमण से मरे लोगों के परिजनों को आर्थिक मदद दी जा सके। हालांकि, सरकार ने इससे पहले ये जरूर कहा था कि लोगों की मांग उचित है और हम इसपर विचार कर भी रहे हैं।

मालूम हो कि कोरोना से हुई मौतों पर चार-चार लाख रुपये मुआवजे देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। इस संबंध में कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। सरकार ने 19 जून को पहला हलफनामा दाखिल किया गया था। इसके बाद कोर्ट ने दूसरा हलफनामा दाखिल करने को कहा, जिसको लेकर सरकार ने शनिवार को फिर से हलफनामा दाखिल किया।

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