Central Vista Project पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर
तीन अहम आधारों पर चली पूरे मामले की सुनवाई
5 नवंबर को कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला, 5 जनवरी 2021 को सुनाया निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय विस्ता प्रोजेक्ट को दी मंजूरी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने मंगलवार 5 जनवरी को केंद्रीय विस्टा परियोजना ( Central Vista Project ) को आगे बढ़ने की मंजूरी दे दी। जस्टिस ए एम खानविलकर, दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना की खंडपीठ ने न्यायमूर्ति खानविलकर और न्यायमूर्ति माहेश्वरी के बहुमत में 2-1 फैसला सुनाया। आईए समझते हैं क्या है केंद्रीय विस्टा परिजयोजना और सुप्रीम कोर्ट ने किन आधारों पर सुनवाई के बाद सुनााया अपना फैसला।
ये है केंद्रीय विस्टा परियोजना इस परियोजना का उद्देश्य लुटियंस की दिल्ली में 86 एकड़ भूमि का नवीनीकरण और पुनर्विकास करना है, जिसमें भारत सरकार की ऐतिहासिक संरचनाएं, जिनमें संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक आदि शामिल हैं।
प्रोजेक्ट पर ऐसे चली मुकदमेबाजी सुप्रीम कोर्ट में अप्रैल 2020 में केंद्र की 86 एकड़ जमीन के संबंध में केंद्र के बदलाव-के-भूमि-उपयोग अधिसूचना को चुनौती देने के लिए एक याचिका दायर की गई थी।
याचिकाकर्ता, राजीव सूरी की याचिका में कहा कि इस प्रोजेक्ट में अनुच्छेद 21 के तहत नागरिकों के खुले और हरित स्थानों की गारंटी के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। यह उनके अधिकार का उल्लंघन है।
याचिका में यह भी तर्क दिया गया कि अधिसूचना ने दिल्ली के मास्टर प्लान 2021 का उल्लंघन किया है और दिल्ली विकास प्राधिकरण की ओर से जारी किए गए पहले (दिसंबर 2019) नोटिस को ओवरराइड करने की मांग की गई है, जो भूमि उपयोग में प्रस्तावित परिवर्तनों के खिलाफ आपत्तियां आमंत्रित कर रही थी।
तीन आधारों पर चुनौती को लेकर हुई सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने तीन मुख्य आधारों पर चुनौती सुनी। इनमें भूमि उपयोग में परिवर्तन, नगरपालिका कानून का उल्लंघन और पर्यावरण कानून का उल्लंघन प्रमुख रूप से शामिल था।
5 नवंर को कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला अक्टूबर और नवंबर 2020 में अंतिम सुनवाई के दौरान, कई शीर्ष वकील मामले में पेश हुए। अदालत ने 5 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। जबकि 5 जनवरी 2021 में कोर्ट ने अपना फैसला भी सुना दिया।
दिसंबर 2020 को हुआ भूमिपूजन आपको बता दें कि नए संसद भवन के लिए 10 दिसंबर को भूमि पूजन समारोह आयोजित किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नए त्रिकोणीय संसद भवन के लिए आधारशिला रखी। संसद में 900 और 1,200 सांसदों के बीच बैठने की क्षमता है। भवन का निर्माण अगस्त 2022 तक होने की उम्मीद है जब राष्ट्र अपना 75 वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा।
शुरू में नियोजित भूमिपूजन पर रोष प्रकट करने के बाद, सरकार की ओर से यह आश्वासन दिया गया कि जब तक सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मामले का कोई फैसला नहीं आ जाता तब तक निर्माण या विध्वंस कार्य या पेड़ों की कटाई शुरू नहीं की जाएगी। इस आश्वासन के बाद सुप्रीम कोर्ट ने समारोह को चलने दिया।