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Chamki Bukhar: बिहार में मृतकों की संख्या 150 पार, अकेले मुजफ्फरपुर में 117 बच्चों की मौत

Chamki Bukhar: SKMCH में अब तक 98 बच्चों की मौत Chamki Bukhar से भागलपुर में भी चार बच्चों की हुई मौत SKMCH के कैदी वार्ड को बनाया जा रहा है ICU

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Chamki Bukhar: बिहार में मौत का आंकड़ा पहुंचा 150 पार, अकेले मुजफ्फरपुर में 117 बच्चों की मौत

नई दिल्ली।चमकी बुखार ( chamki bukhar ) यानी एक्यूट इंसेफ्लाइटिस ( aes ) का कहर बिहार में थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीमारी से अब तक 150 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। अकेले मुजफ्फरपुर में अब तक 117 बच्चों की मौत हो गई है। इस बीमारी से प्रदेश में अब तक 500 से ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए हैं।

मुजफ्फरपुर में सबसे ज्यादा मौत

Chamki Bukhar से सबसे ज्यादा मौत मुजफ्फरपुर जिले में हुई है। यहां अब तक 117 बच्चों की मौत हो चुकी है, इनमें एसकेएमसीएच में 98 और केजरीवाल हॉस्पिटल में 19 बच्चों की मौत हुई है। जिले में चार सौ से ज्यादा बच्चे चमकी बुखार से प्रभावित हुए हैं।

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इधर, SKMCH अस्पताल प्रशासन ने मरीजों की संख्या को देखते हुए कैदी वार्ड को ICU में बदलने की तैयारी शुरू कर दी है। कैदी वार्ड को कहीं और शिफ्ट किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस वार्ड में 19 और बेड बढ़ाए जाएंगे।

भागलपुर भी पहुंचा चमकी

Chamki Bukhar पूरे प्रदेश में धीरे-धीरे अपने पांव पसारता जा रहा है। इस बुखार ने समस्तीपुर, सीतामढ़ी, सीवान, मोतिहारी, अररिया, बेतिया, भोजपुर के साथ भागलपुर जिले में भी दस्तक दे दी है। चमकी बुखार से भागलपुर के JLNMCH में चार बच्चों की मौत हुई है।

वहीं, मोतिहारी में 7 बच्चों की समस्तीपुर में अब तक 5 बच्चों की, हाजीपुर में इस बुखार से 11 बच्चों की मौत हुई है। आलम ये है कि इस बुखार से धीरे-धीरे पूरा प्रदेश प्रभावित होते जा रहा है।

राज्य से लेकर केंद्र तक मचा हाहाकार

Chamki Bukhar से केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक हाहाकार मचा हुआ है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी मुजफ्फरपुर का दौरा किया।

केंद्रीय मंत्री ने वरिष्‍ठ बाल रोग चिकित्‍सकों और अर्द्ध चिकित्‍साकर्मियों की पांच टीमें तत्‍काल मुजफ्फरपुर भेजने का निर्देश दिया है।

इन टीमों में राम मनोहर लोहिया अस्‍पताल, सफदरजंग और ले‍डी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के पांच वरिष्‍ठ चिकित्‍सक सहित 10 बाल रोग चिकित्‍सक और पांच अर्द्ध चिकित्‍साकर्मी शामिल रहेंगे। इसके अलावा राज्य सरकार ने भी फ्री एंबुलेंस सेवा और मुफ्त इलाज के आदेश दिए हैं।

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हालांकि, सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश ने जब मुजफ्फरपुर का दौरा किया तो लोगों ने उनका जमकर विरोध किया और नीतीश 'गो बैक' के नारे भी लगाए गए।

फिलहाल, मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है और हर दिन नए मरीज हॉस्पिटल में भर्ती हो रहे हैं और कई बच्चों की मौत हो रही है।