scriptचंद्रयान-2: ISRO चीफ के.सिवन के 98 फीसदी सफलता वाले दावे पर उठे सवाल | Chandrayaan-2: ISRO Chief Siwan 98% success statesmen create controversy | Patrika News

चंद्रयान-2: ISRO चीफ के.सिवन के 98 फीसदी सफलता वाले दावे पर उठे सवाल

locationनई दिल्लीPublished: Sep 23, 2019 12:32:36 pm

Chandrayaan-2 इसरो चीफ के सिवन पर उठे सवाल
सिवन के मिशन चंद्रयान-2 की 98 फीसदी सफलता वाले बयान पर बवाल
देश के ही वैज्ञानिक ने उठाया सवाल, जल्दबाजी में दिया बयान बताया

01_1.jpg
नई दिल्ली। इसरो के सबसे चर्चित मिशन चंद्रयान-2 को लेकर सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल ISRO चीफ डॉ. के. सिवन ने कहा था कि चंद्रयान-2 मिशन में हमें 98 फीसदी सफलता मिली है। यही नहीं उन्होंने ये भी कहा था कि ISRO का विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से संपर्क नहीं हो पाया, लेकिन चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर सही तरीके से काम कर रहा है।
उनके इस बयान ने अब तूल पकड़़ लिया है। खास तौर पर देश के ही कई वैज्ञानिकों ने के. सिवन के इस बयान पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

दरअसल सिवन ने कहा था कि ऑर्बिटर हमें साढ़े सात साल तक चांद से संबंधित आंकड़ें और तस्वीरें भेजता रहेगा।
इस पर एक वैज्ञानिक ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर इसरो के नेतृत्व और रॉकेट साइंस पर लेख लिखा है।

चंद्रयान-2 लैंडर विक्रम के संपर्क को लेकर नासा ने कर दिया बड़ा खुलासा, आ रही है नहीं तस्वीरें
lroc-wide-angle-camera-wac-mosaic-of-the-lunar-south-pole-region-600-km-wide_credit-nasa-gsfc-arizona-state-university.jpg
एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने सिवन के बयान को जल्द बाजी में दिया बयान बताया।

उन्होंने दावा किया है कि बिना गंभीर आत्मनिरीक्षण के ऐसा बयान देना हमें दुनिया के सामने हंसी का पात्र बनाता है।
वहीं, इसरो के मुताबिक ही विक्रम लैंडर तय गति से बहुत ज्यादा गति से जाकर चांद की सतह पर टकराया है।

यानी सॉफ्ट की बजाय विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई जिसके चलते उससे संपर्क टूट गया।
अब उससे संपर्क करना नामुमकिन है। अब वो हमेशा के लिए खो चुका है।

इसरो चेयरमैन के सलाहकार और स्पेस एप्लीकेशन सेंटर अहमदाबाद के पूर्व निदेशक तपन मिश्रा ने सोशल मीडिया पर एक लेख लिखा है।
इस लेख में उन्होंने बिना इसरो चीफ सिवन का नाम लिए इसरो के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं।

तपन मिश्रा ने लिखा है कि लीडर्स हमेशा प्रेरित करते हैं, वे प्रबंधन नहीं करते। आपको बता दें, कि सिवन के इसरो चीफ बनने के तुरंत बाद ही तपन मिश्रा को स्पेस एप्लीकेशन सेंटर अहमदाबाद के निदेशक पद से हटा दिया गया था।
21_09_2019-chandryaan-2_19599421.jpg
देश के इस इलाके में भीषण हादसा, देखते ही देखते धूं-धूं कर जल उठा, जिंद जले लोग

दुर्लभ हो रही है लीडरशिप
तपन मिश्रा ने लिखा है कि जब अचानक से नियमों को मानने की व्यवस्था बढ़ जाए, कागजी कार्यवाही में इजाफा हो जाए, मीटिंग्स ज्यादा होने लगे, घुमावदार बातें होने लगे तो ये मान लेना चाहिए कि आपके संस्थान में लीडरशिप अब दुर्लभ होता जा रहा है।
तपन मिश्रा यहीं नहीं रुके उन्होंने एक पंक्चर स्कूटर का उदारण भी दिया।

उन्होंने लिखा कि जब आपके स्कूटर का टायर सड़क पर पंक्चर हो जाता है, तब आप एक मैकेनिक को बुलाते हैं उसे ठीक करने के लिए।
ठीक होते स्कूटर चलने लगता है। ऐसे में जब भी किसी स्पेसक्राफ्ट या रॉकेट के साथ कुछ गड़बड़ हो तो आपको मैकेनिक को नहीं भूलना चाहिए।

स्पेस साइंस और टेक्नोलॉजी में 100 फीसदी भरोसा होना बेहद जरूरी है।
तपन ने कहा अंतरिक्ष में कोई व्यक्ति नहीं होता जो गड़बड़ी को ठीक कर दे।

आपको उस मशीन को अंतरिक्ष में भेजने से पहले कई बार अंतरिक्ष में माहौल के हिसाब से जांच लेना चाहिए।
सभी संभावित मुसीबतों के मुताबिक उस मशीन की जांच की जानी चाहिए।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो