scriptचंद्रयान-2: नासा के LRO ने खींची हैं लैंडर विक्रम की कुछ तस्वीरें, अगले सप्ताह करेगा जारी | Chandrayaan-2 Nasa will release New picture to Lander Vikram next week | Patrika News

चंद्रयान-2: नासा के LRO ने खींची हैं लैंडर विक्रम की कुछ तस्वीरें, अगले सप्ताह करेगा जारी

locationनई दिल्लीPublished: Sep 22, 2019 08:25:11 am

Chandrayaan-2 लैंडर विक्रम को लेकर नासा ने किया बड़ा खुलासा
लूनर रीकॉन्सेन्स ऑर्बिटर ने खींची कुछ तस्वीरें
नासा इन तस्वीरों पर कर रहा है अध्ययन, जल्द देगा बड़ी जानकारी

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नई दिल्ली। इसरो के मिशन चंद्रयान-2 को लेकर दुनिया सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी नासा ने बड़ी जानकारी साझा की है। दरअसल नासा ने खुलासा किया है कि उन्होंने चांद पर बेसुध पड़े लैंडर विक्रम की कुछ तस्वीरें खींची हैं। खास बात यह है कि इन तस्वीरों को नासा अगले सप्ताह जारी करने जा रहा है।
यानी जल्द ही आपको लैंडर विक्रम की वो तस्वीरें देखने को मिलेंगी, जो उसके ताजा स्थिति से आपको रूबरू करवाएगी। आपको बता दें कि बीते मंगलवार को चंद्रमा से गुजरने के दौरान लूनर रीकॉन्सेन्स ऑर्बिटर ने ये तस्वीरें खींची है।
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माना जा रहा है कि नासा ने मंगलवार को लैंडर विक्रम की जो तस्वीरें खींची हैं, उनसे कई छिपे हुए तथ्य सामने आ सकते हैं।
बताया जा रहा है कि इस वक्त नासा खुद इन तस्वीरों का अध्ययन कर रहा है।

तस्वीरों में लैंडर विक्रम से संबंधित कुछ सबूत भी मिलें हैं।

लेकिन जब तक नासा इन पर पूरी तरह काम नहीं कर लेता इन्हें सामने नहीं लाया जाएगा।
हालांकि नासा इतना जरूर स्पष्ट कर दिया है कि अगले सप्ताह जो भी स्थिति होगी नासा इसे सबके सामने जरूर लाएगा।

नासा के लूनर रीकॉन्सेन्स ऑर्बिटर ने इस सप्ताह उस क्षेत्र में उड़ान भरी, लेकिन सूरज की रोशनी कम होने की वजह से वो लैंडर की साफ तस्वीरें नहीं खींच सका।
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वैज्ञानिकों का कहना है कि लंबी छाया में विक्रम छिपा हो सकता है।

यदि रोशनी सही होती तो उसकी साफ तस्वीरें देखने को मिल सकती थीं। लेकिन कुछ ऐसी चीजें दिखीं है उनका अध्ययन किया जा रहा है।
विक्रम को 14 पृथ्वी दिनों के लिए संचालित करने के लिए हिसाब से डिजाइन किया गया था।

धरती का एक दिन चंद्रमा पर 14 दिनों के बराबर है, इसके अलावा वहां के तापमान में भी काफी अंतर है।
जिस जगह पर लैंडर को उतरना था वहां का तापमान शून्य से काफी नीचे चला जाता है।

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इस वजह से वैज्ञानिकों का ये कहना था कि यदि ये 14 दिन शुरू होने से पहले लैंडर की लोकेशन का पता चल गया तो बेहतर रहेगा मगर यदि इन 14 दिनों की शुरुआत हो गई और ये उपकरण वहां के तापमान की चपेट में आ गए तो समस्या होगी।
अब चूंकि लैंडर की लैंडिंग भी सही तरीके से नहीं हुई है इस वजह से और भी नकारात्मक संभावनाएं सामने आ रही हैं।

इजरायल ने भी चंद्रमा पर अपना एक लैंडर बेरेसैट भेजा था, लेकिन चंद्रमा पर लैंडिंग से पहले ही उसका संपर्क टूट गया।
वो भी वहां पर सही तरीके से लैंड नहीं कर सका था, क्रैश हो गया था। उसके बाद भारत ने चंद्रयान-2 भेजा।

विक्रम की लैंडिंग को हार्ड लैंडिंग कहा गया तो कभी इसके क्षतिग्रस्त हो जाने की बात कही गई लेकिन हुआ क्या है इसकी तलाश अभी भी जारी है।
अब नासा भी इसकी इमेज को खोजने में लगा हुआ है।

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