
नई दिल्ली। चंद्रयान-2 को लेकर ISRO के साथ पूरा देश इस उम्मीद में है कि कहीं ना कहीं लैंडर विक्रम उन्हें मिल जाएगा। हालांकि चंद्रयान-2 को लेकर एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसी आशंका जताई जा रही है कि विक्रम लैंडर चांद की सतह पर क्रैश हो गया है। हालांकि अभी इसको लेकर कोई पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन आखिरी के कुछ मिनटों का विश्लेषण करने के दौरान इस बात की आशंका है कि लैंडर विक्रम क्रैश हो गया है।
इसरो की टीम लगातार दूसरे ऑर्बिटर के जरिये विक्रम को खोजने में जुटी है। इसके लिए इसरो अब अपने दूसरे ऑर्बिटर की मदद से उसकी तस्वीर लेने की कोशिश कर रही है।
ऐसे पता चलेगा, लैंडर क्यों अपने रास्ते से भटका
वैज्ञानिक विक्रम लैंडर के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर के डेटा से ये पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर 2.1 किमी की ऊंचाई पर क्यों वह अपने रास्ते से भटक गया।
ब्लैक बॉक्स की तरह करता है काम
फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर वैसा ही यंत्र होता है जैसे किसी विमान का ब्लैक बॉक्स। दरअसल चांद की सतह से 2.1 किमी की ऊंचाई पर विक्रम अपने तय रास्ते से भटक गया था। इसके बाद वह 60 मीटर प्रति सेकंड की गति से 335 मीटर तक आया। ठीक इसी जगह उसका पृथ्वी पर स्थित इसरो सेंटर से संपर्क टूटा।
चांद की सतह से टकरा गया लैंडर
वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐसी संभावना है कि जिस गति के साथ लैंडर चांद की तरफ बढ़ रहा था, उसकी वजह से वहां तेज धूल का गुबार उठा होगा और इसके बाद वो चांद की सतह से टकरा कर क्रैश हो गया होगा।
इसलिए अब भी बची है उम्मीद
लैंडर बीच-बीच में चांद के चक्कर लगा रहे ऑर्बिटर से कनेक्ट हो रहा है, इसलिए इसरो वैज्ञानिकों को अब भी उम्मीद है कि लैंडर से संपर्क स्थापित हो जाएगा।
Updated on:
08 Sept 2019 08:05 am
Published on:
07 Sept 2019 06:15 pm
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