
नई दिल्ली। मिशन मून के निकले चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क को लेकर ISRO के लिए आज महत्वपूर्ण दिन है। दरअसल जिस जगह पर लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई थी उस जगह की तस्वीरें आज आ रही हैं। ये तस्वीरें विश्व की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी नासा की ओर से भेजी जाएंगी।
दरअसल जैसे ही भारत ने चांद के दक्षिण ध्रुव पर अपना लैंडर विक्रम उतारा पूरी दुनिया इस मिशन को लेकर उत्सुक हो गई। हालांकि हार्ड लैंडिंग के चलते लैंडर विक्रम टेढ़ा हो गया और उससे संपर्क टूट गया। इसके तुरंत बाद ISRO ने इससे संपर्क बनाने की कोशिश शुरू कर दी। इस बीच नासा ने भी अपनी ताकत लैंडर विक्रम से संपर्क बनाने में लगा दी। आपको बता दें कि नासा ने इसके लिए हैलो नाम से एक रेडियो फ्रिक्वेंसी भी लैंडर विक्रम को भेजी, जिसके जवाब का इंतजार किया जा रहा है।
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इस बीच 17 सितंबर को नासा का ऑर्बिटर उस जगह से गुजरने वाला है जहां लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई थी। ऐसे में ऑर्बिटर वहां से ताजा तस्वीरें भेजेगा। इन तस्वीरों में लैंडर विक्रम की स्थिति काफी स्पष्ट होने की संभावना है।
हालांकि चांद पर अब शाम हो चली है और ऐसे में लैंडर विक्रम से संपर्क की उम्मीदें लगातार कम होती जा रही हैं। 21 सितंबर तक लैंडर विक्रम से संपर्क हो गया तो ठीक वरना इसकी संभावनाएं पूरी तरह खत्म हो जाएंगी।
ऐसे लैंडिंग के वक्त पलट गया लैंडर विक्रम
आंकड़ों का अध्ययन बताता है कि लैंडिंग के 11 मिनट 28 सेकंड पर विक्रम की लैंडिंग शुरू हुई। इस समय विक्रम की लैंडिंग स्पीड 42.9 मीटर प्रति सेकंड थी। एक मिनट और 30 सेकंड बाद।
ये स्पीड बढ़कर 58.9 मीटर प्रति सेकंड हो गयी। मतलब घटने के बजाय बढ़ गयी। इसी समय विक्रम लैंडर से संपर्क पूरी तरह से टूट गया।
इन तस्वीरों से विक्रम की सही हालत का अंदाजा लगाया जा सकेगा। विक्रम चांद की सतह पर अपने उतरने वाली तय जगह से महज ३३५ मीटर की दूरी पर पड़ा हुआ है। आपको बता दें कि 7 सितंबर को लैंडिंग के दौरान लैंडर का संपर्क इसरो से टूट गया, जिसके बाद से उससे संपर्क नहीं हो पा रहा है। दो दिन बाद ही ऑर्बिटर ने लैंडर की तस्वीर भेजी, जिसके बाद से ही उससे संपर्क की कोशिशें जारी रही है।
Published on:
17 Sept 2019 12:03 pm
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