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अब इसरो को सता रह यह टेंशन, 14 दिनों तक लैंडर से संपर्क साधने की होगी कोशिश

चंद्रयान 2 को लेकर इसरो के सामने नई चुनौती 14 दिनों तक लैंडर से संपर्क साधने की होगी कोशिश विक्रम लैंडर से दोबार संपर्क साधने की उम्मीद न के बराबर

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Kaushlendra Pathak

Sep 09, 2019

Chandrayaan 2

नई दिल्ली। मिशन चंद्रयान 2 से देश को काफी उम्मीदें हैं। हालांकि, चांद की सतह पर लैंडिंग से पहले विक्रम लैंडर से ISRO का संपर्क टूट गया था। दोबारा लैंडर से संपर्क साधने की कोशिश जारी है। लेकिन, इसरो को इस मिशन को लेकर अब कई तरह की टेंशन होने लगी है। इसरो चीफ के सिवन ने साफ किया कि अभी लैंडर विक्रम से कोई संपर्क नहीं हो पाया है और यही बात इसरो के वैज्ञानिकों को परेशान कर रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई और उसकी स्थिति के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं है। अब इसरो को यह टेंशन होने लगा है कि आखिर आगे क्या होगा? क्या लैंडर से संपर्क स्थापित हो पाएगा? रोवर प्रज्ञान का क्या होगा? इसरो अधिकारियों की माने तो आंकड़ों के विश्लेषण से यह पता लगाया जाएगा कि 1,471 किलो वजनी विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग हुई या क्रैश लैंडिंग। दरअसल, विक्रम को 7 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से नीचे उतरना था।

इसे 18 किमी की रफ्तार से उतरने तक के लिए प्रोग्राम किया गया था। अगर यह इससे तेज रफ्तार से टकराया होगा तो क्रैश लैंडिंग हुई होगी। एक आशंका यह भी है कि उलटकर विक्रम का रुख नीचे की तरफ हो गया हो, जिससे वह तेज रफ्तार से सतह से टकराया हो। ऐसे में इससे दोबारा संपर्क साधना मुश्किल है।

एक विशेषज्ञ ने का कहना है कि अगर हार्ड-लैंडिंग के बाद विक्रम चांद की सतह पर सीधा होगा और उसके उपकरणों को नुकसान नहीं पहुंचा होगा, तो उससे दोबारा संपर्क स्थापित होने की उम्मीदें बरकरार रहेंगी। यानी चमत्कार की उम्मीद अभी भी है। लैंडर विक्रम के अंदर ही रोवर प्रज्ञान है, जिसे सॉफ्ट-लैंडिंग के बाद चांद की सतह पर उतरना था।

इसरो चीफ के सिवन का कहना है कि विक्रम से संपर्क साधने के लिए अगले 14 दिनों तक कोशिशें की जाती रहेंगी। अगर इन 14 दिनों में संपर्क हो गया तो बड़ी कामयाबी होगी, नहीं तो शायद अलग प्लान तैयार किया जाएगा। फिलहाल, सबके मन में एक ही सवाल है कि क्या इसरो दोबारा विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित कर पाएगा।