
नई दिल्ली। मिशन चंद्रयान 2 एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर ने एक बार फिर बड़ा कमाल किया है। करीब 100 किलोमीटर की दूरी से चांद की सतह पर ऑर्गन-40 की जानकारी मिली है। गौरतलब है कि आर्गन-40 चंद्रमा की सतह पर तापमान में बदलाव और दबाव पड़ने पर संघनित होने वाली गैस है।
बताया जा रहा है कि चंद्रयान 2 के इस पेलोड ने अपने शुरुआती ऑपरेशन के दौरान 100 किमी की ऊंचाई से चंद्रमा के बाहरी वायुमंडल में ऑर्गन-40 का पता लगाया है। वो भी दिन-रात की विविधताओं को कैप्चर करते हुए। आर्गन-40 चंद्रमा की सतह पर तापमान में बदलाव और दबाव पड़ने पर संघनित होने वाली गैस है। यह चंद्रमा पर होने वाली लंबी रात के दौरान संघनित होती है। जबकि चंद्रमा पर भोर होने के बाद आर्गन-40 यहां से निकलकर चंद्रमा के बाहरी वायुमंडल में जाने लगती है। चंद्रमा पर दिन और रात के समय चंद्रयान-2 की एक परिक्रमा के दौरान आर्गन-40 में आने वाले अंतर को देखा गया।
इस जानकारी के मिलते ही इसरो की टीम ने इस पर अध्ययन शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि चंद्रमा के बाहरी वायुमंडल को बनाने में आर्गन-40 की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह नोबेल गैस का एक आइसोटोप्स है। यह (आर्गन-40) पोटेशियम-40 के रेडियोधर्मी विघटन से उत्पन्न होती है।
इधर, विक्रम लैंडर को भी ढूंढने के लिए प्रयास जारी है। नासा का LRO एक बार फिर उस जगह से गुजरेगा, जहां विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई थी। अब देखना यह है कि विक्रम लैंडर की जानकारी मिलती है या फिर उससे दोबारा संपर्क स्थापित नहीं हो पाएगा।
Published on:
02 Nov 2019 12:28 pm
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