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राहत: कीमोथैरेपी से कैंसर सेल को मारने का दावा, चूहों में हुआ प्रयोग, दो साल में इंसानों पर भी होने की उम्मीद

Highlights. - वैज्ञानिकों के एक समूह ने एक नई और प्रभावी कीमोथैरेपी तकनीक की खोज की है - यह तकनीक मरीज के सिर्फ कैंसर से प्रभावित सेल्स को सीधे और सटीक रूप से अपना निशाना बनाती है - यह तकनीक डीएनए एडिटिंग टूल्स पर आधारित है और इससे जीवन की संभावना बढ़ी है

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Ashutosh Pathak

Nov 24, 2020

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नई दिल्ली.

कैंसर के मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। वैज्ञानिकों के एक समूह ने एक नई और प्रभावी कीमोथैरेपी तकनीक की खोज की है। ये तकनीक मरीज के सिर्फ कैंसर से प्रभावित सेल्स को सीधे और सटीक रूप से अपना निशाना बनाती है। उसके आस-पास के अन्य सेहतमंद सेल्स पर प्रभाव नहीं पड़ता है। यह तकनीक डीएनए एडिटिंग टूल्स पर आधारित है। इससे जीवन की संभावना बढ़ी है।

क्रिस्प जीनोम एडिटिंग तकनीक

वैज्ञानिकों का दावा है कि यह दुनिया में पहली बार है कि क्रिस्प जीनोम एडिटिंग तकनीक, जो डीएनए के एक हिस्से को काटकर काम करती है, उसका उपयोग किसी जानवर में कैंसर उपचार के लिए हुआ है। इसका चूहों में प्रयोग हो चुका है। करीब दो सालों में इंसानों पर भी इसे उपयोग में लाने की उ्मीद है।

साइड इफेक्ट की संभावना भी नहीं
इजराइल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी के कैंसर विशेषज्ञ प्रो. डेन पीर ने बताया कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। इसके साथ ही इस प्रयोग के बाद कैंसर सेल्स के फिर से सक्रिय होने की भी कोई उम्मीद नहीं रहती। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से कैंसर के मरीजों के जीवन की उ्मीद और भी बढ़ेगी। एक दिन इस बीमारी को पूरी तरह मिटा देंगे।

कैंसर की गांठ पूरी तरह खत्म

प्रो. पीर का कहना है कि इस तकनीक का इस्तेमाल उपचार में तीन बार किया जाता है, तो कैंसर की गांठ को पूरी तरह खत्म कर सकते हैं। ये कैंसर सेल्स को हटा देगी। चूहे पर किए गए इस प्रयोग से सुधार आया है व उसके जीवित रहने की संभावनाएं 30 फीसदी तक ज्यादा बढ़ी है।