उन्होंने कहा कि गालवान घाटी में हिंसक झड़प ( Violent skirmish ) की घटना 15 जून की है। इस घटना में 20 भारतीय जवान मारे गए। इस बात का उल्लेख चीनी दूतावास के अधिकारियों ने अपने एक पोस्ट में भी की है।
Vande Bharat Abhiyan : विदेश में फंसे 3.6 लाख से ज्यादा Indians वापस आए, चौथा चरण 3 जुलाई से PP-14 पर हुई पहली झड़प इस बारे में सेना के शीर्ष सूत्रों का कहना है कि पैंगोंग त्सो में हुई झड़प ज्यादा हिंसक नहीं थी। दोनों पक्षों की गश्त करने वाली टुकड़ी के बीच मई के पहले सप्ताह में पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 ( PP -14 ) के पास गालवान घाटी में हुई थी। जानकारी के मुताबिक इन दो साइटों पर झड़प के बाद से भारत-चीन ( India-China ) के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) पर गतिरोध जारी है।
CM Trivendra Rawat : पीएम मोदी के लोकल से वोकल की अपील से डरा चीन, जानिए क्या है खास बात भारत पर लगाया LAC पार करने का आरोप चीनी राजदूत सन वेइडॉन्ग ( Chinese Ambassador Sun Weidong ) ने बीजिंग का पक्ष रखते हुए कहा कि 6 मई को भारतीय सैनिक रात में गलवान घाटी में LAC पार कर चीनी क्षेत्र में पहुंच गए। भारतीय सेना के जवानों ने गतिरोध पैदा करने के लिए हिंसक साधनों का सहारा लिया। एलएसी के पार अपनी उपस्थिति को स्थायी बनाने के लिए आधारभूत सुविधाओं को निर्माण किया।
सन वेइडॉन्ग ने बताया कि इसके बाद 5 या 6 मई को पैंगोंग त्सो के तट पर भारतीय और चीनी सैनिक आपस में भिड़ गए थे जिससे एक फेसऑफ़ हो गया। गलवान में दशकों बाद टूटी शांति
15 जून की झड़पों का उल्लेख करते हुए चीनी दूत ने कहा कि पहली घटना वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) के चीनी की साइड से लगी सीमा पर हुई। भारतीय पक्ष ने LAC को पार किया था। गलवान घाटी LAC के चीनी किनारे पर स्थित है। जहा नियंत्रण और प्रबंधन की जमीनी स्थिति बहुत स्पष्ट है। दोनों पक्षों ने मूल रूप से दशकों से शांति बनाए रखी है।
सन ने आरोप लगाया कि इस वर्ष की शुरुआत से ही भारतीय पक्ष ने लगातार नियंत्रण रेखा की स्थिति में बदलाव करते हुए गलवान घाटी में LAC को पार करने या पार करने की सुविधाओं का निर्माण किया है।
लद्दाख से लौटे सेना प्रमुख एमएम नरवणे, अब राजनीतिक नेतृत्व के सामने करेंगे ड्रैगन की साजिश को डिकोड MEA का पलटवार – हमने नहीं बदली यथास्थिति भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ( Indian Foreign Ministry spokesman Anurag Shrivastava ) ने संवाददाताओं को बताया कि भारत ने कभी भी यथास्थिति बदलने की कोशिश नहीं की। मई की शुरुआत में चीनी पक्ष ने भारत की गालवान घाटी क्षेत्र में रूटीन गश्त के दौरान बाधा डालने के लिए कार्रवाई की थी, जिसका परिणाम फेसऑफ के रूप में सामने आया। जिसे बाद में कमांडरों के बीच बातचीत से सुलझा लिया गया था, लेकिन वादे से मुकरने की वजह से गलवान में दोबारा हिंसक झड़प हुई।