
देश में Private Trains कें संचालन को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, जानें कौन तय करेगा किराया?
नई दिल्ली। देश में प्राइवेट ट्रेनों ( Private trains ) के संचालन को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। अब कंपनियां अपने लेवल पर ही प्राइवेट ट्रेनों का किराया ( Private Train Fare ) तय कर सकेंगी। इस प्रक्रिया में सरकार कोई दखल नहीं होगा। दरअसल, सरकार की ओर से यह फैसला प्राइवेट ट्रेनों के संचालन ( Operation of private trains ) के लिए कंपनियों को लुभाने के लिए लिया है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ( Railway Board Chairman VK Yadav ) ने जानकारी देते हुए बताया कि प्राइवेट कंपनियों ( Private companies ) को इस बात की आजादी होगी कि वो ट्रेनों का किराया तय कर सकें। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार वीके यादव ने कहा कि क्योंकि इन रूटों पर पहले से ही वातानुकूलित बसों और विमानों का संचालन जारी है, इसलिए उनको ट्रेनों का किराया तय करने से पहले इस बात का ख्याल रखना होगा। रिपोर्ट में बताया कि जितनी ऑस्ट्रेलिया की कुल आबादी है, उतने लोग भारत में रोजना ट्रेनों में यात्रा करते हैं। जिसकी वजह से भारत में ट्रेनों का किराया एक संवेदनशील मुद्दा है।
5 सालों में रेलवे में 7.5 अरब डॉलर का निवेश
यही वजह है कि आने वाले दिनों प्राइवेट ट्रेनों के संबंध में सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का विरोध हो सकता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है कि देश का गरीब तबका आवागमन के लिए ट्रेनों पर भी आश्रित है। ऐसे प्राइवेट ट्रेनों का किराया तय करने का अधिकार कंपनियों को देना एक बड़े तबके का जीवन प्रभावित कर सकता है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने प्राइवेट ट्रेनों के संचालन के लिए आवेदन मांगे हैं। प्राइवेट ट्रेनों को चलाने के लिए जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर, अडानी इंटरप्राइजेज, बॉम्बार्डियर, एल्सटम समेत कई दिग्गज कंपनियों ने इच्छा जताई है। रेल मंत्रालय के एक अनुमान के मुताबिक अगले 5 सालों में रेलवे में 7.5 अरब डॉलर का निवेश हो सकता है।
वेबसाइट के माध्यम से ट्रेनों के टिकट बेच सकेंगे
सूत्रों के अनुसार प्राइवेट ऑपरेटर्स अपनी वेबसाइट के माध्यम से ट्रेनों के टिकट बेच सकेंगे। हालांकि इसके लिए उनकी वेबसाइटों का पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम से जुड़ा होना अनिवार्य होगा।
Updated on:
18 Sept 2020 09:17 pm
Published on:
18 Sept 2020 06:15 pm
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