भारतीय राजनीति में लगातार लोकप्रिय हो रहीं महुआ मोइत्रा को उनके पिछले कई भाषणों पर तारीफ मिल चुकी है। बंगाल के करीमनगर से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद ममता बनर्जी ने उन्हें वर्ष 2019 में बंगाल के कृष्णानगर से लोकसभा का टिकट दिया। यहां उन्होंने भाजपा उम्मीद्वार को करीब 16 हजार वोटों से हराकर जीत दर्ज की। इससे स्पष्ट है कि उनका राजनीतिक करियर बहुत लंबा तो नहीं है, लेकिन राजनीतिक परिपक्वता में कोई कमी नहीं दिखती। हालांकि, वह कई बार विवादों में रही हैं। भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो से वाद-विवाद, असम में महिला पुलिस अधिकारी ने उन पर बदसलूकी का आरोप लगाया, बंगाल का स्थानीय मीडिया अक्सर उनकी टिप्पणियों से नाराज रहता है।
महुआ का जन्म कोलकाता में हुआ। यहां से कॉलेज की डिग्री लेने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए अमरीका चली गईं। पढ़ाई खत्म कर जेपी मोर्गन में नौकरी करने लगीं। लंदन में कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट भी बनीं। 2008 में अच्छी नौकरी छोडक़र भारत आ गईं और राहुल गांधी से मिलीं। बंगाल में यूथ कांगे्रस में महत्वूपर्ण जिम्मेदारी संभाल रही थीं, लेकिन विधानसभा चुनाव में लेफ्ट के साथ कांग्रेस ने गठजोड़ किया, तो नाराज महुआ ने पार्टी छोड़ दी और तृणमूल में शामिल हो गईं। यहां ममता बनर्जी ने उन पर भरोसा जताया और करीमनगर से टिकट देकर पहले विधानसभा और बाद में कृष्णानगर सीट से लोकसभा पहुंचाया। महुआ ने डेनमार्क के लार्स ब्रोरसोन से शादी की थी, मगर बाद में दोनों के बीच तलाक हो गया।
दरअसल, तृणमूल कांग्रेस की महिला सांसद महुआ मोइत्रा ने पिछले दिनों लोकसभा के बजट सत्र में भाषण दिया था, जो काफी चर्चा में रहा। इस भाषण की वजह से वह सोशल मीडिया पर ट्रेंड में रहीं। उन्होंने अपने भाषण में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और वर्तमान राज्यसभा सदस्य जस्टिस (रिटायरर्ड) रंजन गोगोई पर निशाना साधा। हालांकि, महुआ के भाषण के बाद भाजपा सांसद और केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि महुआ मोइत्रा भाषण से कई लोग इत्तेफाक नहीं रखते और लोगों को इस पर आपत्ति भी है। इसके बाद महुआ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार चल रहा है। बहरहाल, सरकार से जुड़े विश्वस्त सूत्रों की मानें तो महुआ के खिलाफ ऐसे किसी कदम को उठाने का विचार नहीं है।