
Bihar Migrants Returning
नई दिल्ली। दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस लाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें (Shramik Special Trains) चलाई जा रही हैं। इसके तहत बिहार के श्रमिक भी अपने घर लौट रहे हैं, लेकिन उनकी वापसी बिहार सरकार के लिए चिंता का सबब बन गई है। दरअसल देश के अलग-अलग हिस्सों से अपने राज्य लौटे श्रमिकों में से कई लोग कोरोना पॉजिटिव (Coronavirus) निकले हैं। रविवार तक 142 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। 17 मई को लॉकडाउन खत्म होने तक कुल 2.22 लाख प्रवासी मजूदरों को वापस आना है। अगर संक्रमितों की संख्या ऐसी ही बढ़ती रही तो बिहार में कोरोना की रफ्तार दोगुनी हो सकती है।
मालूम हो कि रविवार तक एक लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर 83 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिए बिहार आए हैं। सोमवार सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते एक दिन में ही बिहार में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में 105 की बढ़ोतरी हुई है। ये जो बिहार में अब तक सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी है। मजदूरों के कोरोना पॉजिटिव मिलते ही बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 696 तक पहुंच चुकी है।
बिहार सरकार ने दावा किया था कि राज्य के 85 फीसदी ब्लॉक कोरोना फ्री हैं, लेकिन बताया जाता है कि प्रवासी मजदूरों के लौटने के बाद से बिहार में कोरोना का इंफेक्शन 38 में 37 जिलों को अपनी चपेट में ले चुका है। हालांकि सरकार का कहना है कि वापस लौट रहे श्रमिकों को पहले घर नहीं जाने दिया जा रहा है। उन्हें 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया जा रहा है। मगर इस बीच सवाल उठ रहा है कि आने वाले दिनों में लाखों श्रमिक वापस लौटेंगे, अगर इनमें से मरीजों की संख्या बढ़ती है तो इतने ज्यादा लोगों को क्वारंटाइन कैसे किया जाएगा और संक्रमण को कैसे फैलने से रोका जाएगा।
एक रिपोर्ट के मुताबिक 4 मई से पहले तक महाराष्ट्र से आए 30, गुजरात से 22 और दिल्ली से आए 8 प्रवासी मजदूर करोना पॉजिटिव पाए गए थे। पहले 1,000 टेस्ट होने पर बिहार में कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस 2% से भी कम आते थे। बताया जा रहा है कि जैसे ही प्रवासी मजदूर लौट रहे हैं। वैसे ही यह आंकड़ा बढ़कर 4.5% हो गया है, यानि अब 1,000 टेस्ट में से 45 लोग कोरोना पॉजिटिव मिलने लगे हैं।
Published on:
11 May 2020 04:39 pm
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