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‘मेरी किडनी और लीवर बेचना है’ बढते कोरोना केस से लोगों की जेब हुई खाली, पैसे जुटाने के लिए बेच रहे शरीर के अंग

कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप की वजह से लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। कुछ लोग शरीर के अंग बेचने को मजबूर हैं, तो कुछ अपने कीमती सामान। निराशा के भाव की वजह से कई लोग आत्महत्या जैसे कदम भी उठा रहे हैं।  

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Ashutosh Pathak

Aug 08, 2021

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नई दिल्ली।

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर का कहर अभी ठीक से थमा भी नहीं है और तीसरे लहर की आहट शुरू हो गई है। सबसे खराब स्थिति इन दिनों केरल की है। यहां बीते एक हफ्ते से लगातार केस बढ़ रहे है। कोरोना संक्रमण की बढ़ती संख्या, लॉकडाउन और कड़ी गाइडलाइन की वजह से इस राज्य की अर्थव्यवस्था इतनी बिगड़ चुकी है कि लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।

केरल में बिगड़ रही अर्थव्यवस्था का असर कई चीजों पर पड़ रहा है। इसमें मृत्युदर, टीकाकरण, टै्रकिंग और टेस्टिंग के अलावा, जांच तथा भी शामिल है। इस वजह से यहां जीवन और आर्थिक संकट से जूझ रहे लोग लगातार संघर्ष कर रहे हैं। मलप्पुरम जैसी घनी आबादी वाले कुछ जिलों में स्थिति बेहद खराब है। यहां औसत टीपीआर 15 प्रतिशत से अधिक है। संकट से जूझ रहे लोग आत्महत्या करने का भी मजबूर हो रहे हैं। इनमें ज्यादातर छोटे अपराधी और किसान हैं। राज्य में कोरोना के नए केस बढऩे के कारण लोगों में निराशा के भाव आ रहे हैं। संघर्ष कर रहे कई लोगों का कहना है कि सरकार कोरोना के हालात को देखते हुए राहत पैकेज तो बढ़ा रही है, लेकिन इसका कुछ असर दिखाई नहीं दे रहा।

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आर्थिक संकट से जूझ रहे एक स्ट्रीट वेंडर ने तिरुवनंतपुरम में एक विज्ञापन पोस्टर लगाया है। इसमें लिखा है- मेरी किडनी और लीवर ठीक है। मैं उसे बेचने के लिए तैयार हूं। इसी तरह एक बस संचालक ने कई दिनों से खड़ी अपनी बस पर नोटिस चिपकाया है कि यह बिक्री के लिए उपलब्ध है। ऐसे दृश्य इन दिनों केरल में आमतौर पर देखने को मिल रहे हैं। बीते दो महीने में राज्य में केरल में करीब ढाई दर्जन लोगों ने आत्महत्या कर ली। अधिकारियों की मानें तो इसके पीछे की मुख्य वजह कोरोना महामारी और इससे उपजे संकट हैं। यही नहीं, केरल में लोग दुकानें भी बेचने के लिए इसके बाहर बोर्ड लगाए हुए हैं।

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केरल में नए नियमों के अनुसार, दुकानों और मॉल में दुकानदारों तथा काम करने वाले कर्मचारियों को अपना कोविड प्रमाण पत्र दिखाना होगा। नए नियमों से नाराज कई व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद करने की धमकी दी, जिसके बाद राज्य सरकार अपने फैसले पर विचार करने को तैयार हुई है। वहीं, राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बीते दिनों में जारी हुए नियमों को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि हम कोरोना को अब हल्के में नहीं ले सकते। हमने संभावित तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए नए नियम लागू किए हैं।