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Coronavirus in India: भारत में मिला कोरोना का एक और वेरिएंट, जानिए तीसरी लहर को बढ़ाने में कितना होगा मददगार

Published: Aug 08, 2021 07:47:03 am

Submitted by:

Ashutosh Pathak

कोरोना वायरस के एटा वेरिएंट (Coronavirus ETA Variant) से संक्रमित इस व्यक्ति ने करीब चार महीने पहले कतर की यात्रा की थी। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने यह भी बताया कि कर्नाटक में एटा वेरिएंट से संक्रमित मिलने का यह पहला केस नहीं है।
 

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नई दिल्ली।

कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वेरिएंट विशेषज्ञों के लिए चिंता का सबब बनते जा रहे हैं। मुश्किलें बढ़ा रहे नए वेरिएंट के प्रभावों को कम करने के लिए विशेषज्ञ रिसर्च में जुटे हैं। अब कर्नाटक के मंगलौर से कोरोना वायरस का एक और खतरनाक वेरिएंट एटा सामने आया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह वेरिएंट इससे पहले अप्रैल 2020 में मिला था, लेकिन यह खतरनाक नहीं है, जिससे कोई खतरनाक मामले सामने नहीं आए। तीसरी लहर को बढ़ाने में यह वेरिएंट मददगार साबित होगा या नहीं, इस पर विशेषज्ञों का कहना है यदि यह वेरिएंट खतरनाक होता तो अब तक कई केस सामने सामने आ चुके होते।
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स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कोरोना वायरस के एटा वेरिएंट से संक्रमित इस व्यक्ति ने करीब चार महीने पहले कतर की यात्रा की थी। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने यह भी बताया कि कर्नाटक में एटा वेरिएंट से संक्रमित मिलने का यह पहला केस नहीं है। इससे पहले, अप्रैल 2020 में भी इस वेरिएंट का केस सामने आया था।
भारत में अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, डेल्टा प्लस, इओटा, कप्पा, लैम्ब्डा और अब एटा वेरिएंट मिला है। इन सभी वेरिएंट पर रिसर्च चल रहा है। इनमें अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट चिंता की वजह बने हुए हैं। इन वेरिएंटों की वजह से संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है। वहीं, विशेषज्ञों की मानें तो कर्नाटक में एटा वेरिएंट से राज्य में तीसरी लहर का फिलहाल कोई खतरा नहीं है। इसकी प्रमुख वजह यह है कि एटा वेरिएंट पुराना हो चुका है, हालांकि इसकी पुष्टि अब हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर यह वेरिएंट खतरनाक होता है, तो अब तक कई मामले सामने आ गए होते।
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वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो देश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट में बताया कि देश औसतन रोज 43.41 लाख डोज लगाई जा रही है। सिर्फ जुलाई में ही 13.45 करोड़ डोज लगाई गई। देश में अब तक करीब पचास करोड़ डोज लगाई जा चुकी है।
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