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कोरोना का खौफ : एक महिला बीमार पति को एम्बुलेंस में चढ़ाने की लगाती रही गुहार, मूकदर्शक बने रहे लोग, हुई मौत

मौके पर मौजूद लोगों में से किसी ने नहीं की मदद। PPE kit पहने व्यक्ति ने भी मदद करने से कर दिया इनकार। अगर Ambulance में कोई मावध दत्त को चढ़ा देता तो शायद वह बच जाते।

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dhirendra joshi

Jul 27, 2020

West Bengal

Ambulance में कोई मावध दत्त को चढ़ा देता तो शायद वह बच जाते।

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus Pandemic ) के दौर में एक बढ़कर एक अमानवीय और क्रूर घटनाएं सामने आने का सिलसिला जारी है। ताजा मामला पश्चिम बंगाल ( West Bengal ) के बोनगांव से जुड़ा है। बोनगांव में एक महिला अपने पति को एम्बुलेंस ( Ambulance ) में चढ़ाने की गुहार लगाती रही, पर किसी ने उसकी मदद नहीं की।

मौके पर खड़े लोग मूकदर्शक ( mute spectators ) बने रहे। हद तो तब हो गई जब लोग सहायता करने के बजाय यह कहते रहे कि इस महिला की सहायता करने वाला कोई नहीं है। यह सिलसिला आधे घंटे से ज्यादा देर तक चला और अंत में पीड़ित शख्स से उसकी मौत हो गई।

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एंबुलेंस का ड्राइवर पीपीई किट पहना था लेकिन उसने भी पीड़ित व्यक्ति को एम्बुलेंस में चढ़ाने में मदद नहीं की।

दरअसल, 68 वर्षीय माधव नारायण दत्ता ( Madhav Narayan Dutta ) को सांस लेने में तकलीफ के बाद शनिवार शाम करीब 5 बजे बोनगांव सब डिविजनल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें संदिग्ध COVID-19 रोगियों के वार्ड में रखा गया।

रात में करीब 8 बजे उनकी हालत बिगड़ गई। डॉक्टरों ने उन्हें 80 किलोमीटर दूर कोलकाता ( Kolkata ) के एक अस्पताल में रेफर कर दिया। एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई लेकिन बुजुर्ग दुकानदार उस पर चढ़ नहीं सके। पत्नी ने उन्हें एम्बुलेंस पर चढ़ाने की हर संभव कोशिश की लेकिन वह अपने पति को चढ़ा नहीं पाई।

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थक हारकर महिला ने मौके पर मौजूद कई लोगों से मदद की गुहार लगाई। ऐसा महिला ने बार-बार किया,पर किसी ने मदद नहीं की।

एक शख्स पीपीई सूट में मौके पर मौजूद था जो शायद एम्बुलेंस का ड्राइवर था। माधव दत्ता की पत्नी ने उससे भी मदद की गुहार लगाई। कहा - 'दादा, आप पीपीई पहने हुए हैं, कृपया मदद करें। लेकिन उसने उनकी नहीं सुनी।

वहां, उस समय कई लोग मौजूद थे जो सिर्फ तमाशबीन होकर देख रहे थे कि कैसे वह महिला अपने पति को एम्बुलेंस पर चढ़ाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह इसमें कामयाब नहीं हो सकी।

मौके पर एक शख्स ने कहा कि उसकी मदद करने वाला कोई नहीं है, कौन मदद करेगा? वहीं, दूसरे ने कहा कि चाचा, आपको थोड़ी हिम्मत दिखानी होगी और एम्बुलेंस में जाना होगा। यदि आप उठ सकते हैं तो आप बच जाएंगे। 30 मिनट के संघर्ष के बाद माधव नारायण दत्ता ने दम तोड़ दिया, लेकिन उसे एम्बुलेंस में चढ़ाने कोई आगे नहीं आया।


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