Corona Vaccination के दूसरे दिन सुस्त पड़ी रफ्तार, जानिए क्यों सिर्फ 17 हजार लोगों को ही लगे टीके
- भारत में दूसरे दिन ही Corona Vaccination की रफ्तार पर लगा ब्रेक
- 6 राज्यों में 553 केंद्रों पर सिर्फ 17 हजार 72 लोगों को लगे टीके
- पहले दिन 2 लाख 7 हजार लोगों ने लगवाई थी वैक्सीन

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ देशव्यापी कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) शुरू होने के दूसरे दिन ही टीकाकरण अभियान की रफ्तार सुस्त दिखाई दी। रविवार को देश के 6 राज्यों में टीकाकरण कार्यक्रम चलाया गया। इस दौरान कुल 553 केंद्रों में 17 हजार 72 लोगों को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाई गई। जबकि पहले दिन यानी शनिवार को 2 लाख 7 हजार लोगों को टीका लगाया गया था।
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया कि 400 से ज्यादा लोगों को बुखार, सिरदर्द और मितली जैसे साइड इफेक्ट देखने को मिले। दरअसल टीकाकरण की संख्या आधे से भी कम रही है। आईए जानते हैं वो कौनसी वजह थीं, जिसके चलते दूसरे दिन ही अभियान की रफ्तार पर ब्रेक लग गया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि शनिवार से शुरू हुए कोरोना वैक्सीनेशन में अब तक कुल 2 लाख 24 हजार 301 लाभार्थियों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
जो दुनिया में सबसे ज्यादा टीके दिए जाने वाले देशों अमरीका और ब्रिटेन से ज्यादा है। हालांकि अपेक्षित लक्ष्य तक पहुंच में ये संख्या करीब 1 लाख से कम रही। तीन लाख से ज्यादा का लक्ष्य रखा गया था।
दरअसल इसके पीछे की बड़ी वजह थी कुछ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के उपलब्ध नहीं होने और कुछ के वैक्सीन लेने से तैयार ना होना है।
इस वजह से टीका लगवाने में सुस्ती
राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों के एक पत्र के सार्वजनिक होने के बाद विवाद खड़ा हो गया था, जिसमें डॉक्टरों द्वारा सीरम इंस्टीट्यूट के कोविशिल्ड के बजाय भारत बायोटेक के कोवाक्सिन वैक्सीन लेने की आशंका का हवाला दिया गया था, जिसे दिल्ली के राजकीय अस्पतालों में प्रशासित किया जा रहा था।
ऐसे में कई स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने वैक्सीन नहीं लगवाई।
तमिलनाडु में पांच गुना कम रहा आंकड़ा
तमिलनाडु ने रविवार को लगभग 15,000 की क्षमता के के बीच सिर्फ 3,000 से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका लगाया। ये आंकड़ा तय उम्मीद से पांच गुना कम रहा।
डॉ. राधाकृष्णन ने बताया हम टारगेट को ध्यान में रखकर टीका नहीं लगा रहे बल्कि मांग के आधार पर वैक्सीन लगाई जा रही है। आगे विस्तार होगा।
वहीं स्टेनली हॉस्पिटल के डीन पी बालाजी ने कहा कि कई कर्मचारी पोंगल का जश्न मनाने के लिए अपने पैतृक स्थान गए थे। उम्मीद है सोमवार से टीकाकरण में तेजी देखने को मिलेगी।
उन्होंने बताया कि दूसरे दिन 25 लोगों का रजिस्ट्रेशन हुआ था, लेकिन सिर्फ दो नर्सों को ही टीका लगाया गया।
बालाजी के मुताबिक कई स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है जब तक डॉक्टर नहीं लगवाते हम डोज नहीं लेंगे। वहीं कई स्वास्थ्यकर्मियों के घर से टीका न लगवाने का दबाव भी बनाया जा रहा है।
धीरे-धीरे पकड़ेगी रफ्तार
हालांकि राज्य के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन सहित शीर्ष डॉक्टरों को रविवार को विश्वास दिलाने के लिए टीका लगाया गया। उन्होंने कहा कि ड्राइव धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ेगी।
CoWin एप में गड़बड़ी
स्वास्थ्य मंत्रालय को कोविन ऐप ( Cowin ) के बारे में राज्यों से कई शिकायतें मिली हैं, जो पूरे टीकाकरण अभियान की रीढ़ है। दरअसर राज्य टीकाकरण के सत्र को वेबसाइट पर अपलोड करने में असमर्थ थे, ऐसे में लाभार्थियों को इसका विवरण राज्य सत्र अपलोड करने में असमर्थ थे और ऑनलाइन लाभार्थी विवरण तक नहीं पहुंच सके। इस वजह से भी कई लोगों ने टीका नहीं लगवाया।
महाराष्ट्र में तालमेल की कमी
महाराष्ट्र में स्वास्थ्य विभाग और बीएमसी के बीच तालमेल की कमी ने भी टीकाकरण अभियान पर असर डाला। बीएमसी ने जहां कोविन ऐप के अनसुलझे विवादों के चलते टीकाकरण को सोमवार तक टालने की निर्देश जारी किया वहीं स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे किसी निर्देश से इनकार किया।
राज्य के स्वास्थ्य सचिव प्रदीप व्यास ने कहा कि टीकाकरण रद्द करने का कोई सवाल ही नहीं था।
इन 6 राज्यों में लगे टीके
दूसरे दिन रविवार को आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मणिपुर और तमिलनाडु में ही कोरोना वैक्सीनेशन किया गया।
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