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कोरोना संक्रमण से बचा सकती है पोलियो की वैक्सीन, केंद्र से मांगी क्लिनिकल ट्रायल की इजाजत

Published: Nov 05, 2020 09:17:33 am

Submitted by:

Ashutosh Pathak

Highlights.

कोरोना वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रदान कर सकता है ओरल पोलियो वैक्सीन
कोरोना संक्रमण मुक्त युवाओं और बुजुर्गों पर हो सकता है विशेष रूप से प्रभावी
विशेषज्ञों ने जन्मजात प्रतिरक्षा प्रणाली को फिर सक्रिय करने के लिए ओपीवी लगाने की वकालत की

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नई दिल्ली।

ओरल पोलियो वैक्सीन (ओपीवी) कोरोना वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रदान कर सकता है। 18 वर्ष से अधिक आयु वाले कोरोना संक्रमण मुक्त लोगों और बुजुर्गों पर यह विशेष रूप से प्रभावी हो सकता है। बेंगलूरु, अमरीका और यूके के विशेषज्ञों ने संयुक्त वैज्ञानिक अध्ययन रिपोर्ट में जन्मजात प्रतिरक्षा प्रणाली को फिर सक्रिय करने के लिए ओपीवी लगाने की वकालत की है।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, बुजुर्गों व अन्य बीमारियों से पीडि़त लोगों को ओपीवी के अंतर्गत लाया जा सकता है। अध्ययन में शामिल एचसीजी कैंसर अस्पताल के एसोसिएट डीन डॉ. विशाल राव ने बताया कि कोविड और ओपीवी पर अस्पताल के एक फार्माकोजेनिक अध्ययन में पाया गया कि ओपीवी तेजी से कोरोना वायरस को मार सकता है। बुजुर्गों को संक्रमण से बचा सकता है। इस सफलता के आधार पर उन्होंने केंद्र सरकार से क्लिनिकल ट्रायल की इजाजत मांगी है। अनुमति मिलने का इंतजार है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को फिर से कर सकता है सक्रिय

डॉ. राव ने बताया, जीनोमिक अध्ययन बताते हैं कि ओपीवी और कोरोना दोनों राइबोन्यूक्लिक एसिड वायरस हैं। कोरोना से संक्रमित होने के पहले किसी को ओपीवी लगाई जाए तो यह प्रतिरक्षा प्रणाली को फिर से सक्रिय कर सकता है।
डेनमार्क, अमरीका व अफ्रीका में अध्ययन जारी

ओपीवी के साथ शून्य जटिलताएं हैं। ओपीवी गेम चेंजर हो सकता है। ओपीवी और कोरोना पर डेनमार्क, अमरीका और अफ्रीका में अध्ययन जारी है। डेनमार्क बंडिम हेल्थ प्रोजेक्ट ने भारत में अध्ययन के लिए एचसीजी अस्पताल से हाथ मिलाया है। इसके लिए केंद्र सरकार की इजाजत जरूरी है।
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