scriptCoronavirus को कड़ी टक्कर देने की तैयारी, देश में 6 COVID-19 Vaccine की पहचान | Coronavirus: India identified 6 local COVID-19 Vaccine and 30 various gruops working | Patrika News

Coronavirus को कड़ी टक्कर देने की तैयारी, देश में 6 COVID-19 Vaccine की पहचान

locationनई दिल्लीPublished: May 29, 2020 01:02:33 pm

COVID-19 Vaccine पर तेजी से India में चल रहा है काम।
The new vaccine के बाद इसके वितरण पर भी जारी है विचार।
COVID-19 Treatments के लिए 10 दवाओं के इस्तेमाल पर ट्रायल।

coronavirus vaccine developmentin India

coronavirus vaccine developmentin India

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( Coronavirus in india ) के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच भारत ने कम से कम छह स्थानीय वैक्सीन ( COVID-19 Vaccine ) की पहचान की है। तकरीबन 30 समूह कोरोना वायरस की वैक्सीन ( Coronavirus vaccine ) विकसित करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इसके अलावा बीमारी के इलाज में इस्तेमाल किए जाने के लिए करीब 10 दवाओं का पुन: उपयोग किया जा रहा है और यह परीक्षण के विभिन्न चरणों ( Coronavirus Vaccine Trails ) में हैं।
भारत में तेजी से बढ़ते COVID-19 मामलों के बीच आई बहुत अच्छी खबर

केंद्र सरकार ( Centre Government ) वैक्सीन ( Vaccine ) के उपलब्ध होने के बाद इसके वितरण को प्राथमिकता देने के लिए दिशा-निर्देशों पर भी काम कर रही है। वैज्ञानिक समुदाय और दवा कंपनियों ( pharmaceutical companies ) द्वार? COVID-19 19 का मुकाबला करने के लिए स्थानीय रूप से टीकों, दवाओं और डायग्नोस्टिक किटों के विकास और निर्माण के प्रयासों को बताते हुए सरकार ने कहा कि महामारी के खिलाफ लड़ाई में विज्ञान प्रमुख हथियार है। इस महामारी ने दुनिया भर में 56 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित ( Coronavirus latest news ) किया है और 3 लाख 55 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले ली है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि वैक्सीन विकसित करने में लगने वाले समय के अलावा यह एक बार में सभी के लिए उपलब्ध नहीं होने वाली है। प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजयराघवन ने गुरुवार को कहा, “वैक्सीन कोई स्विच की तरह नहीं है कि यह पहले ही दिन से सभी के लिए उपलब्ध हो जाए। इस बीमारी में सभी को इसकी आवश्यकता होगी। इसलिए यह एक बड़ी चुनौती है।”
कोविड-19 वैक्सीन बनाने के लिए भारत और अमेरिका साथ काम कर रहे : ट्रंप
उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैक्सीन के विकास में लगभग 10 साल लग गए, लेकिन दुनिया भर में कोरोना वायरस के लिए लक्ष्य एक साल में इसकी एक खोज करना है और इससे अनुसंधान के तहत अणुओं की संख्या के साथ-साथ निवेश भी बढ़ रहा है।
विजयराघवन ने कहा, “हमें विनियामक प्रक्रियाओं को तेज करना है, विनिर्माण क्षमताओं का विस्तार करना है और वितरण प्रणालियों का निर्माण करना है। इसलिए 200-300 मिलियन डॉलर के बजाय इसकी लागत 2-3 बिलियन होगी।” उन्होंने कहा कि mRNA वैक्सीन, एटेंनुएटेड वैक्सीन, इनएक्टिवेटेड वैक्सीन और एडजुवैंट वैक्सीन जैसी टीके के चार वर्गों को वर्तमान में देखा जा रहा है। भारत में कुछ कंपनियां प्री-क्लीनिकल स्टेज के बाद के चरणों में हैं। उन्होंने कहा कि इसमें समय लगेगा और इस बीच सोशल डिस्टेंसिंग और हाथ की सफाई के उपाय के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
COVID-19 मरीजों पर भारी पड़ रहा इलाज का खर्च, अस्पतालों का बिल सुनकर माथा पकड़ लेंगे आप

नीति आयोग सदस्य (स्वास्थ्य) और COVID-19 पर चिकित्सा प्रबंधन समिति के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने कहा कि फ़ेविपिरविर, आइटोलिज़ुमैब, फाइटोफार्मास्यूटिकल (प्लांट बेस्ड दवा), माइक्रोबैक्टीरियम डब्ल्यू, कॉनवैलेसेंट प्लाज्मा, आर्बिडोल, एसीक्यूएच, रेमेडिसविर और बीसीजी वैक्सीन जैसी दवाएं भारत में परीक्षण के विभिन्न चरणों में थीं।
सरकार ने कहा कि अनुसंधान और विकास की तीन लाइनें थीं। पहला स्वदेशी प्रयास था। दूसरा वैश्विक सहयोगात्मक उपाय था जिसमें भारतीय संगठन प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं और तीसरा वैश्विक प्रयासों में भारतीय भागीदारी। इस तरह के एक बड़े पोर्टफोलियो के साथ विनिर्माण और संग्रहण के लिए जोखिम कम करने के प्रयासों के बाद सफलता की बेहतर तस्वीर नजर आ रही है।
https://youtu.be/_nDwXs0uLrw

ट्रेंडिंग वीडियो