Mumbai में Monsoon ने दी दस्तक, अगले दो दिनों तक मूसलाधार बारिश की संभावना, ऑरेंज अलर्ट जारी
मानसून में बढ़ता है बीमारियों का प्रकोप
जैसा कि बारिश के सीजन में आम फ्लू के मामले बढ़ते हैं। मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप बढ़ता है। शोध में पता चला है कि भारी बारिश मच्छरों के प्रजनन चक्र को बाधित कर सकती है। लेकिन, इन्फ्लूएंजा का प्रकोप तेजी से बढ़ता है, जो कोविड -19 की तरह एक श्वसन रोग है। हालांकि, दोनों के प्रभाव डालने में अंतर होता है। वहीं, कोरोना वायरस को लेकर अभी स्पष्ट नहीं है कि ये बारिश में बढ़ेगा या कम होगा। क्योंकि ये वायरस नया हैं, ऐसे में बारिश में इसका अध्ययन किया जाएगा कि ये बरसात के सीजन में कैसे व्यवहार करता है।
कोरोना पर नहीं होता मौसम का प्रभाव?
एक शोध में सामने आया है कि कोरोना पर मौसम का प्रभाव नहीं होता। इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन, एंटवर्प, बेल्जियम के निदेशक बताते हैं, इन्फ्लूएंजा केस में रिसर्च में सामने आया है कि कई अन्य वायरल श्वसन रोगों, उनके मौसमी व्यवहार के लिए पूरी तरह से समझा नहीं गया है।
ऐसे में फ्लू के मौसम की भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल है। वायरस पर तापमान, वर्षा और घर के अंदर या बाहर रहने से कोई प्रभाव पड़ता होगा, कहा जाना मुश्किल है। एक्सीलेंस इन बेसिक साइंसेज के वैज्ञानिक डॉ सुभोजीत सेन का कहना है कि पर्यावरण में मौसमी बदलाव जैसे तापमान, आर्द्रता, सूरज की रोशनी बीमारी फैलने के कारण हो सकते हैं।