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Coronavirus काल में क्या है उच्च शिक्षा का परिदृश्य

कोरोना वायरस महामारी ने बदल दी है शिक्षा के परंपरागत माध्यम की तस्वीर। ऑनलाइन एजुकेशन बन रही है वक्त की जरूरत, हायर एजुकेशन में कई प्रयोग। तकनीकी और इंजीनियरिंग को अब पुराने ढंग से नहीं बल्कि इन्नोवेटिव तरीके से पढ़ाया जा रहा है।

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Higher Education in Coronavirus Time

Higher Education in Coronavirus Time

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। इसके चलते ना केवल उद्योग-धंधे बल्कि शिक्षा एवं सुरक्षा पर भी संकट मंडराया है। हालांकि आपदा के इस माहौल में विभिन्न क्षेत्रों ने अवसर खोजे और अपने परंपरागत कार्यों को इस माहौल के हिसाब से ढाला। इसमें शिक्षा पद्धति का व्यापक रूप से ऑनलाइन होना बड़ा कदम बना है। ऐसे वक्त में उच्च शिक्षा का परिदृश्य भी काफी बदल चुका है और यह आने वाले वक्त में शिक्षा के बदलते स्वरूप के बारे में बड़ा संदेश देता है।

जाहिर है उच्च शिक्षा को लेकर और अपने भविष्य को लेकर छात्रों के मन में तमाम सवाल होंगे, ऐसे में उनके सही जवाब मिलना बहुत जरूरी हो जाता है। इस संबंध में वीआईटी की असिस्टेंट वाइस प्रेसीडेंट कादंबरी विश्वनाथन ने साक्षात्कार में कई महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा की।

अधिगम यानी लर्निंग कभी समाप्त ना होने वाली प्रक्रिया है, क्या आपके शिक्षक नए बदलाव को अपनाने और छात्रों को नवाचार सिखाने के लिए तैयार हैं?

हमारा विजन स्पष्ट है। इस संस्थान की शुरुआत से ही हमारा लक्ष्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनना है। उस दिन से हम अकादमिक शोध, प्रबंधन और सुविधाओं का विस्तार करते आए हैं। जब हम कॉलेज से विश्वविद्यालय बने हमारा फोकस शिक्षण-अधिगम से अनुसंधान पर बदला। लेकिन हमने शिक्षण-अधिगम से कोई समझौता नहीं किया। हमारी फैकल्टी देश और दुनिया के नामचीन संस्थानों से शोध अनुभव प्राप्त हैं। वे शोध और अकादमिक क्षेत्र में उच्चस्तरीय मानक स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हमारे शिक्षक उद्योग जगत से सहभागिता स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो रोजगार के लिए तैयार पेशेवर विकसित करने में भी सहायक साबित होती है।

हम शिक्षकों व शोधकर्ताओं को अनुसंधान करने के लिए प्रेरित करते हैं। अनुसंधान अनुकूल वातावरण की वजह से वीआईटी भारत में वह संस्थान बन चुका है जिसकी ओर से सर्वाधिक शोध प्रपत्र प्रस्तुत किए गए हैं। शिक्षण, अनुसंधान, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, भर्तियां, विद्यार्थी सेवा और सामुदायिक पहुंच के क्षेत्र में हमारे सार्थक प्रयासों के कारण से हमें प्रतिष्ठित 'इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेन्स" का दर्जा प्राप्त है।

आपकी स्टूडियो इंटीग्रेटेड लेक्चर लैबोरेट्री आधारित क्लासरूम 4.0 की अवधारणा और अब पहली बार ऑनलाइन काउंसलिंग की शुरुआत, क्या अब यही भविष्य है?

जी हां। प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग जो कि अनुप्रयोग पर आधारित होती है, अथवा निष्कर्ष प्रधान होती है, को परम्परागत तरीके की कक्षा प्रणाली से नहीं सिखाया जा सकता है। वीआईटी भोपाल में न ब्लैकबोर्ड है और न ही बैक बैंचेज। स्टूडियो, जहां एकीकृत लेक्चर और लैब हैं, के माध्यम से हमने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की पहल की है। हमारी नवोन्मेषी शिक्षण-अधिगम (लर्निंग) प्रणाली ने डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से लर्निंग के कॉन्सेप्ट को ही बदल दिया है तथा इसके हमें उत्साहजनक परिणाम प्राप्त हुए हैं। मुझे यकीन है कि हमारी अपने तरह की ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया से हम प्रवेश प्रक्रिया के इस क्षेत्र में नया बेंचमार्क स्थापित करेंगे।

क्या अब भविष्य ऑनलाइन कक्षाओं का ही रहेगा?

आज के समय में ऑनलाइन शिक्षा आम बात हो गई है। वर्तमान महामारी के इस दौर में शिक्षा का आयाम पूरी तरह बदल गया है। वीआईटी में सीनियर विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षाएं मई महीने में ही शुरू हो गई थीं। महामारी की वजह से ग्रीष्मकालीन सेमेस्टर का आयोजन भी ऑनलाइन ही हुआ था। वीआईटी ऑनलाइन लर्निंग स्कूल भी संचालित करता है जिसके पास पर्याप्त संख्या में रिकार्डेड सामग्री और कुशल पेशेवरों की टीम है जो यह कार्य देखती है।

COVID-19 के कारण परीक्षा रद्द करने के निर्णय से क्या प्रवेश संबंधी शर्तें प्रभावित हुई है?

वीआईटी को 29 राज्यों, सभी केंद्र शासित प्रदेशों, 12देशों व 40 मंडलों के विविध वर्गों के विद्यार्थियों के आवेदन मिले हैं। हमें बी.टेक प्रवेश के लिए इस बार लगभग 1,83,000 आवेदन मिले जो कि पिछले साल से करीब 15 हजार अधिक हैं। चूंकि मौजूदा महामारी के कारण विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए हम राष्ट्रीय स्तर वीआईटीईईई का आयोजन नहीं कर पाए हैं इसलिए हमने बारहवीं कक्षा में पीसीएम/पीसीबी में प्राप्तांकों और जनवरी महीने के जेईई/सैट के अंकों के आधार पर रैंक सूची जारी की है। प्रक्रिया को और लचीला करना पड़ा तथा विभिन्न वर्गों के आवेदकों को किसी तरह की दिक्कत नहीं आए।

ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया कितनी प्रभावी है और प्रवेश प्रक्रिया की अंतिम तारीख क्या है?

इस संकट कालीन दौर में भी वीआईटी प्रवेश प्रक्रिया के सरलीकरण की दृष्टि से देश में अग्रणी रहा है। आवेदकों की रैंक सूची बारहवीं कक्षा में पीसीएम/पीसीबी में प्राप्तांकों और जनवरी महीने के जेईई/सैट के अंकों के आधार पर तैयार की गई है। उसी आधार पर 5 अगस्त को वीआईटीईईई के नतीजे घोषित किए गए।

ऑनलाइन काउंसलिंग 10 अगस्त से शुरू होकर चार चरणों में चलेगी। पहले चरण में पहली रैंक से 20,000 तक की रैंक वाले आवेदकों की 10 अगस्त से काउंसलिंग शुरू होगी। दूसरे चरण की काउंसलिंग 14 अगस्त से शुरू हुई जिसमें 20,001-60,000 रैंक तक के आवेदकों को बुलाया जाएगा। 60,001 से 1 लाख की रैंक वाले आवेदकों की तीसरे चरण की काउंसलिंग 18 अगस्त से शुरू होगी। चौथी और अंतिम दौर की काउंसलिंग 22 अगस्त से प्रारंभ होगी जिसमें 1 लाख से अधिक रैंक वाले विद्यार्थी भाग लेंगे। ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद रैंक के आधार पर हुए सीट आवंटन के पश्चात प्रवेश प्रकिया 10 सितम्बर तक पूरी कर ली जाएगी।

ऑनलाइन काउंसलिंग की प्रभावशीलता को ध्यान में रखते हुए वीआईटी ने बी.टेक प्रवेश के लिए वन स्टॉप पोर्टल विकसित किया है। इस पोर्टल के माध्यम से वीआईटी के देश के चारों परिसरों में उपलब्ध 36 पाठ्यक्रमों में प्रवेश की ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी की जाएगी। काउंसलिंग के समय अभिभावकों व विद्यार्थियों की शंकाओं व समस्याओं के समाधान की व्यवस्था शिक्षकों एवं विषय विशेषज्ञों के निर्देशन में वर्चुअल फैकल्टी मीट के माध्यम से की गयी है। प्रवेश टीम पाठ्यक्रमों, कैम्पस, शुल्क विवरण, सुविधाएं और अन्य विषयों से जुड़े सवालों के जवाब देगी।

इसके अतिरिक्त हमारी वीआईटी भोपाल की वेबसाइट पर शिक्षकों से वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क करने का विकल्प दिया गया है।आप इस विकल्प के जरिए अपने सभी सवालों के जवाब प्राप्त कर सकेंगे तथा कैम्पस में उपलब्ध सुविधाओं के 360 डिग्री एंगल तक के विजुअल देख सकेंगे।

इस वर्ष वीआईटी की काउंसलिंग पहले की तरह नहीं होगी।इस वर्ष के काउसंलिंग कार्यक्रम के अनुसार ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया हमारी वन स्टॉप वेबसाइट के माध्यम से होगी। सभी पंजीकृत आवेदकों को लॉग इन संबंधी सूचनाएं भेज दी गई हैं। जब वे लॉगइन करेंगे तब वे अपनी रैंक देख सकेंगे तथा ऑनलाइन पोर्टल पर काउंसलिंग के लिए पंजीयन कर सकेंगे। काउसंलिंग पंजीयन शुल्क 5000+ कर है, जिसकी वापसी देय नहीं है।

सूचित काउंसलिंग के दिन विद्यार्थी के समक्ष उपलब्ध कैम्पस, कोर्स और फीस संबंधी विवरण दर्शित होगा और वह उनमें से अपनी प्राथमिकता का निर्धारण कर सकेगा।विद्यार्थी को दो दिन का समय मिलेगा जिसके भीतर वह अपनी पसंद ऑनलाइन बताएगा जिसके आधार पर कम्प्यूटर एल्गोरिदम प्रणाली से सीट आवंटित की जाएगी। सीट आवंटन के तीन दिन के भीतर आवेदक को 50 प्रतिशत अग्रिम ट्यूशन फीस का भुगतान करना होगा। यह ट्यूशन फीस आवंटित श्रेणी के अनुरूप होगी तथा फीस का भुगतान वेबसाइट पर दर्शित लिंक के जरिए ऑनलाइन ही होगा। पूरी फीस का भुगतान 10 सितम्बर तक करना होगा। बुनियादी रूप से सीट का आवंटन मेरिट के आधार पर ही होगा। चाहे ऑनलाइन काउंसलिंग हो अथवा व्यक्तिगत काउंसलिंग, दोनों में बेहतर रैंक वाले विद्यार्थी के पास बेहतर विकल्प होंगे। हम व्यक्तिशः संपर्क को भी अछूता नहीं रखना चाहते इसलिए वेबसाइट पर हेल्पलाइन नम्बर भी दिए गए हैं। इन नम्बर पर संपर्क कर विद्यार्थी संबंधित कैम्पस और फैकल्टी से अपने विषय संबंधी प्रश्नों का जवाब प्राप्त कर सकेंगे।