
नई दिल्ली। कोरोना ( Corona ) का कहर और लैकडाउन की बिगड़ी स्थिति को ध्यान में रखते हुस सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने सोमवार को आदेश दिया कि जिन कैदियों को 7 साल या उससे कम की सजा दी गई है उन्हें पेरोल या अंतरिम जमानत दी जा सकती है। शीर्ष अदालत ने इसके लिए एक कमेटी का गठन किया है। अब कमेटी यह तय करेगी कि किस-किसको पेरोल देनी है।
सुप्रीम को ने भीड़—भाड़ वाली जेलों में कोरोना वायरस फैलने से कैसे रोका जाए, पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद आदेश दिया है कि जिन कैदियों को किसी मामले में 7 साल या उससे कम की सजा दी गई है और वह जेल में बंद हैं, उन्हें पेरोल या अंतरिम जमानत दी जा सकती है। ताकि जेलों में भीड़-भाड़ को कम किया जा सके।
इसके अलावा सु्प्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया है कि एक हाई लेवल कमेटी बनाई जाए। यह कमेटी ही तय करेगी कि किन कैदियों को पेरोल दी जा सकती है और किसे नहीं। यानी ये कमेटी कैदियों की कैटेगरी बनाएंगे और उनके अपराध और व्यवहार के आधार पर ये तय करेंगे कि किसे- किसको अंतरिम जमानत या पेरोल दी जा सकती है। इस कमेटी में कानून सचिव और राज्य विधि सेवा प्राधिकारण के चेयरमैन भी होंगे।
Updated on:
23 Mar 2020 05:16 pm
Published on:
23 Mar 2020 05:15 pm
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