
Plasma donation process
नई दिल्ली/ग्वालियर ।
मध्यप्रदेश में नकली प्लाज्मा कांड के खुलासे के बाद स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों से जो जानकारी जुटाई है, उसमें सामने आया कि प्लाज्मा थैरेपी आरंभ होने के बाद करीब छह महीने में 116 कोरोना मरीजों को प्लाज्मा चढ़ाया गया। इसमें से 25 मरीजों की मौत हो गई, लेकिन किसी भी मामले में कोई शिकायत नहीं होने पर किसी तरह की जांच नहीं की गई।
दतिया के कारोबारी की मौत के बाद प्लाज्मा में गड़बड़ी पर शंका जताई गई। यह पहला मामला था जिसकी जांच में सनसनीखेज मामला उजागर हुआ। वहीं अंचल के सबसे बड़े सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में अभी तक 18 लोगों की प्लाज्मा चढ़ाने के बाद मौत हुई है।
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) ने निजी अस्पताल में मौत की जांच में नकली प्लाज्मा का खेल मालूम चलने पर दो दिन पहले जानकारी मांगी थी।
निजी अस्पतालों ने जो जानकारी दी है, उसमें 116 मरीजों में 91 स्वस्थ्य हो गए थे। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि निजी अस्पतालों ने मौत के आंकड़ों और प्लाज्मा चढ़ाने के बाद मौत की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी थी। अब जाकर स्पष्ट हो गया कि प्लाज्मा देने के बावजूद निजी अस्पतालों में कोरोना के 25 मरीजों की और सुपर स्पेशलिटी में 18 की जान गई है।
मास्टरमाइंड पर होगी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की कार्रवाई
नकली प्लाज्मा कांड में रिमांड पूरा होने पर मास्टरमाइंड अजयशंकार त्यागी को जेल भेज दिया गया। इसके साथ फर्जी दस्तावेज छापकर देने वाले अशोक समाधिया को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पुलिस अब लोगों की जिंदगी से खेलने वाले अजयशंकर पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
Published on:
17 Dec 2020 08:37 am
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
