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Covid-19 : महाराष्ट्र के जेलों से 5105 कैदियों को जमानत पर किया गया रिहा

महाराष्ट्र के अलग-अलग जेलों के जमानत पर छोड़े जाएंगे 11 हजार कैदी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और प्रदेश सरकार से विचार करने को कहा था अभी तक महाराष्ट्र में 521 लोगों की हुई है कोरोना से मौत

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kaidi

अभी तक महाराष्ट्र में 521 लोगों की हुई। है कोरोना से मौत

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( coronavirus ) संकट और सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) के आदेश को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के अलग-अलग जेलों से 5105 कैदियों को जमानत पर रिहा किया गया है। जेल के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि भीड़-भाड़ वाली जेलों में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए कारागार विभाग ने कैदियों ( Prisoner’s ) को जमानत पर रिहा करने का निर्णय लिया है। जमानत पर केवल उन कैदियों को रिहा किया जा रहा है 7 साल से कम की सजा काट रहे हैं।

महाराष्ट्र ( Maharashtra ) के एक जेल अधिकारी ने बताया कि भीड़ कम करने के उद्देश्य से कम से कम 11 हजार कैदियों को छोड़े जाने की योजना है। फिलहाल 5105 को महाराष्ट्र की विभिन्न जेलों से जमानत पर रिहा किया गया है।

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गौरतलब है कि महाराष्ट्र कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। यहां संक्रमितों की संख्या सबसे ज्यादा है। महाराष्ट्र में कोविड-19 ( Covid-19 ) के संक्रमित होने वालों की संख्या 12,296 हो गई है। राज्य में पिछले 24 घंटे में वायरस संक्रमण से 36 और लोगों की मौत हुई है जिनमें से 27 लोगों की मौत मुंबई में हुई है। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से अभी तक 521 लोगों की मौत हुई है।

मुंबई में अभी तक 8,359 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है जबकि संक्रमण से 322 लोगों की मौत हुई है। इलाज के बाद कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हुए 121 लोगों को शनिवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। राज्य में अभी तक 2,000 लोग संक्रमण मुक्त हुए हैं।

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बता दें कि कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने जेलों में बंद कैदियों की कोराना से सुरक्षा के मामले का स्वत: संज्ञान लिया लिया था। कोर्ट का कहना था कि कैदियों के बीच सुरक्षित शारीरिक दूरी रखनी सुनिश्चित करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल करके केंद्र और सभी राज्यों को 50 साल से ज्‍यादा उम्र के कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत देने पर विचार करने के लिए निर्देश देने की मांग भी की गई। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को इस मसले पर विचार कैंदियों का जमानत पर छोड़ने को कहा था।