
मॉडर्ना की ओर से कीमत की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।
नई दिल्ली। अमरीकी दवा कंपनी मॉडर्ना ( Moderna ) की कोविद-19 ( Covid-19 ) निर्माणाधीन वैक्सीन की अनुमानित का खुलासा हो गया है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक कंपनी के किसी अधिकारी ने नहीं की है। फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक मॉडर्न इंक की कोरोना वायरस वैक्सीन ( Coronavirus Vaccine ) की अनुमानित कीमत 50 डॉलर से 60 डॉलर प्रति कोर्स बताई जा रही है। भारतीय ( Indian currency ) रुपए में यह कीमत ( Price ) 3742 से 4490 रुपए के बीच है।
जानकारी के मुताबिक मॉडर्ना वैक्सीन ( Moderna Vaccine ) की ये कीमत फाइजर इंक और बायोएनटेक से कम से कम 11 डॉलर अधिक है। करार के मुताबिक फाइजर इंक और जर्मन पार्टनर बायोएनटेक अमरीकी सरकार ( American Government ) कोरोना वैक्सीन 39 डॉलर में मुहैया कराएगी। इस हिसाब से मॉडर्ना की कीमत अधिक है।
मेडिसिन इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि 50 मिलियन रोगियों को कवर करने के लिए फाइजर और बायोएनटेक ने अमरीकी सरकार से $2 बिलियन की डील की है। यह डील संभावित उत्पाद पर निर्भर है। बताया जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन के अन्य निर्माताओं पर भी इसी तरह की कीमतें तय करने का दबाव होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वैक्सीन का प्रस्तावित मूल्य ( Moderna Vaccine ) संयुक्त राज्य अमरीका और अन्य उच्च आय वाले देशों पर लागू होगा।
कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी वैक्सीन की संभावित आपूर्ति व कीमत को लेकर चर्चा हुई है। लेकिन हम अभी अनुबंधों की शर्तें और गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए हम इसका खुलासा नहीं कर सकते। उक्त अधिकारी ने दावा किया है कि COVID-19 वैक्सीन के लिए अंतिम मूल्य अभी तक निर्धारित नहीं किया गया है।
फाइजर, मॉडर्न व अन्य कंपनी ने कहा है कि वे अपने टीकों को एक सीमित लाभ पर बेचने की योजना बना रहे हैं। जबकि जॉनसन एंड जॉनसन सहित कुछ दवा निर्माताओं ने अपने टीकों की कीमत लाभ के आधार पर घोषित करने की घोषणा की है AstraZeneca पीएलसी ने अपनी संभावित वैक्सीन के संयुक्त राज्य अमरीका को 300 मिलियन डॉलर के बदले अपफ्रंट फ़ंडिंग में $1.2 बिलियन उपलब्ध कराने पर सहमति जताई है। इस लिहाज से वैक्सीन की कीमत प्रति डोज 4 डॉलर की हो सकती है।
अमरीकी वित्त पोषण "ऑपरेशन वार्प स्पीड का का हिस्सा है जो ट्रम्प प्रशासन की ओर से COVID-19 वैक्सीन के उत्पादन में तेजी लाने के लिए एक पहल माना जा रहा है। अब तक दुनिया भर में लगभग 6,50,000 लोगों इस बीमारी मौतें हुई हैं।
Updated on:
29 Jul 2020 02:07 pm
Published on:
29 Jul 2020 02:05 pm
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