
students lockdown
नई दिल्ली।कोरोना वायरस के खतरे को लेकर लागू लॉकडाउन के इस कठिन दौर में हर कोई को अपने भविष्य को लेकर बेचैन है। ऐसे में छात्रों खासकर उच्च शिक्षा के छात्रों में मानसिक अवसाद के कई मामले मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्व विद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पास आ रहे हैं। मंत्रालय की चिंता का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसे छात्रों को बाकायदा ट्वीट कर यह भी सफाई देनी पड़ी है कि कोरोना वायरस के खिलाफ जागरूकता के लिए बनाए गए आरोग्य एप के जरिए उनकी निगरानी करने की कोई व्यवस्था नहीं है।
मंत्रालय ने कहा है कि छात्रों की उपस्थिति की निगरानी का सवाल ही नहीं उठताए क्योंकि संस्थान बंद है। इन सब बातों को ध्यान में रखकर अब मंत्रालय और यूजीसी ने लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद के लिए विश्वविद्यालय और संस्थानों को निर्देश जारी किए हैं।
केंद्रीय विश्वविद्यालय और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों को छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य, मनोसामाजिक चिंताओं और उनकी तंदुरुस्ती के लिए विश्वविद्यालयों-कॉलेजों में हेल्पलाइन स्थापित करने को कहा गया है। काउंसलर एवं अन्य संकाय सदस्यों द्वारा नियमित रूप से इसकी निगरानी एवं प्रबंधन किया जाएगा। इसके लिए व्यवहार संबंधी स्वास्थ्य, मनो-सामाजिक टोल फ्री नंबर 0804611007 दिया गया है।
विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को नियमित तौर पर छात्रों से बातचीत कर उन्हें शांत और तनाव मुक्त रहने की सलाह देने को कहा गया है। साथ ही ऐसा टेलीफोन, ईमेल, डिजिटल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के माध्यम से किया जा सकता है।
छात्रावास के वार्डन, सीनियर फैकल्टी के नेतृत्व में छात्रों के कोविड-19 सहायता समूह बनाना जो उन दोस्तों व सहपाठियों की पहचान कर करे जिन्हें तत्काल सहायता की आवश्यकता हो और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करे।
अपने विश्वविद्यालय व कॉलेज की वेबसाइट पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के वीडियो लिंक यूट्यूब पर लोड किए गए है। इन वीडियो को फेसबुक, व्हाट्सऐप और ट्विटर आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से छात्रों और शिक्षकों के साथ साझा करने को कहा गया है।
यूजीसी ने कहा है कि इस संबंध में किए गए कामों की नियमित रूप से निगरानी और इसकी रिपोर्ट यूजीसी के निगरानी पोर्टल पर दी जा सकती है।
Updated on:
07 Apr 2020 08:15 pm
Published on:
07 Apr 2020 05:37 pm
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