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COVID19: AIIMS में Covaxin का ह्यूमन ट्रायल शुरू, 5 में से एक Wallentiar के अंदर पहले से ही एंटीबॉडी मौजूद

भारत में भी कोरोना वैक्सीन को लेकर ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया। दिल्ली स्थित AIIMS में Covaxin वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल हो रहा है। लेकिन, पांच में से एक वॉलंटियर्स में एंटबॉडी पहले से ही पाया गया है। ह्यूमन ट्रायल के लिए अभी तक केवल 16 लोगों का चयन हुआ है।

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Kaushlendra Pathak

Aug 04, 2020

COVID-19: One in Five who signed up for Human trial already have antibodies

देसी कोरोना वैक्सीन को लेकर ह्यूमन ट्रायल शुरू।

नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस ( coronavirus in World ) का कहर जारी है। भारत (coronavirus in India) भी इस महामारी से अछूता नहीं है। यहां भी यह वायरस काफी तेजी से अपना पैर पसारता जा रहा है। आलम ये है कि अब तक 18 लाख से ज्यादा लोग COVID-19 से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, इस वायरस के खिलाफ लड़ाई भी जारी है। दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन ( coronavirus vaccine ) पर शोध जारी है। भारत में भी Covaxin का ह्यूमन ट्रायल ( Human Trail ) शुरू हो गया है। लेकिन, दिल्ली स्थित AIIMS से अचानक इस वैक्सीन को लेकर बड़ी अच्छी खबर सामने आई है। ह्यूमन ट्रायल के लिए पहुंचे लोगों में से 5 में से हर एक व्यक्ति में पहले से ही एंटीबॉडी ( Antibody ) पाया गया है।

20 फीसदी लोगों में पहले ही एंटीबॉडी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली के AIIMS में अब तक 80 से ज्यादा वॉलंटियर्स ( Wallentiars For Human Trial ) की जांच की गई है। इनमें 20 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाया गया है। मतलब ये हुआ कि इनमें कोरोना (corona) के पहले ही से लक्षण हैं। लेकिन, बड़ी बात ये है कि व्यक्ति कोरोना वायरस (coronavirus) का शिकार हुआ, लेकिन उसने उसे हरा दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल 16 लोगों को ट्रायल के लिए चुना गया है। क्योंकि, अन्य लोगों में कुछ न कुछ बीमारी पहले से ही थी। दरअसल, कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) के लिए व्यक्ति को पूरी तरह फिट होना अनिवार्य है और उनकी उम्र 18 से 55 साल के बीच हो। वहीं, जिन लोगों में पहले से ही एंटीबॉडी पाया गया है वह अब ह्यूमन ट्रायल (HUman Trail) के लिए योग्य नहीं रहे।

केवल स्वस्थ लोगों का होगा ह्यूमन ट्रायल

AIIMS के एक अधिकारी का कहना है कि केलव स्वस्थ्य वॉलंटियर्स को ही ह्यूमन ट्रायल में शामिल किया जाता है। लेकिन, इनकी संख्या काफी कम है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों में एंटीबॉडी मिला तो कुछ पहले से ही डायबिटीज ( Diabetes ) और हर्ट (Heart) जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं। उन्होंने कहा कि जिनमें एंटीबॉडी मिल चुका है, उस पर ह्यूमन ट्रायल करना मुश्किल है। इतना ही नहीं ऐसा माना जा रहा है कि भारत में लोगों के भीतर हर्ड इम्युनिटी ( Herd Huminity ) लगातार डेवलप हो रही है। सीरो सर्वे में भी 22 फीसदी लोगों में हर्ड इम्युनिटी डेवलप होने की बात सामने आई थी। गौरतलब है कि कोरोना वैक्सीन ( Corona Vaccine ) के ह्यूमन ट्रायल के लिए एक सौ लोगों की जरूरत है। इन सभी को डोज देने के बाद दो हफ्तों तक मुआयना किया जाएगा। उन पर वैक्सीन के असर को देखा जाएगा। फिलहाल, अभी तक 16 लोगों को ही ट्रायल के लिए चयनित किया गया है। अभी 84 लोगों की जरूरत है। हालांकि, काफी संख्या में वॉलंटियर्स ह्यूमन ट्रायल के लिए लगातार AIIMS पहुंच रहे हैं।


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