
दिल्ली में सिरो सर्वे के दूसरे चरण में 15ooo लोगों के सैंपल लिए जाएंगे।
नई दिल्ली। भारत सहित दुनिया भर में कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus Pandemic ) का कहर जारी है। देश की राजधानी को भी कोरोना से मुक्ति नहीं मिली है। अभी भी भारी संख्या में कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में कोरोना संक्रमण ( Coronavirus infection ) के विस्तार का पता लगाने के लिए सीरो-सर्वे ( Sero Survey ) का दूसरा चरण आज से शुरू हो गया है।
दिल्ली में सीरो सर्वे का यह दूसरा चरण है। यह चरण 1 से 5 अगस्त तक चलेगा। आगामी 5 दिनों के सीरो सर्वे के जरिए दिल्ली में कोरोना ( Coronavirus in Delhi ) की स्थिति का आकलन गहनतापूर्वक किया जाएगा।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ( Delhi Health Minister Satyendra Jain ) ने 10 दिन पहले घोषणा की थी कि पहले चरण के सीरो सर्वे के नतीजों का अध्ययन करने के बाद दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि हर महीने ऐसे और सर्वेक्षण कराए जाएंगे। ताकि देश की राजधानी को कोविद-19 से निपटने के लिए बेहतर नीतियां बनाई जा सकें। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को समाप्त करना संभव हो सके।
सीरो सर्वे के दूसरे चरण में 5 दिनों में 15,000 सैंपल्स को इकट्ठा किया जाएगा। यह सर्वे उत्तर ( North Delhi ) और उत्तर-पश्चिम दिल्ली ( North-West Delhi ) समेत 4 जिलों में चलेगा। इस सर्वे में उसी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा, जो पहले वाले सर्वे में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ( NCDC ) की तरफ से किए गए सर्वे में किया गया था। सभी सीडीएमओ को अपने जिलों में सर्वे कराने का काम सौंपा जाएगा। इसके अलावा रैंडम लोगों को एंटीबॉडी के लिए परीक्षण किया जाएगा।
एक चौथाई लोग कोरोना के संपर्क में आए
दिल्ली सरकार ने इससे पहले नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ( NCDC ) के साथ मिलकर 27 जून से 10 जुलाई तक सीरो-सर्वे कराया था। केंद्र सरकार ने बताया था कि अध्ययन में यह पाया गया कि दिल्ली में जिन लोगों का सर्वे किया गया उनमें से लगभग एक-चौथाई लोग कोरोना वायरस ( Coronavirus ) के संपर्क में आए। लेकिन इन लोगों को पता ही नही था कि वे कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।
क्या होता है सीरो सर्वे
दरअसल, सीरो सर्वे की मदद से यह पता लगाया जाता है कि क्षेत्र में कोरोना वायरस का संक्रमण कितना फैला है, कितनी बड़ी आबादी इस वायरस की जद में आई है और कितनी आबादी में लोगों के अंदर इस वायरस से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है या उनके शरीर में एंटीबॉडी बन चुकी है।
Updated on:
01 Aug 2020 01:17 pm
Published on:
01 Aug 2020 01:14 pm
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