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अल्फा-बीटा-गामा-डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कारगर है कोविशील्ड और कोवैक्सीन: DG-ICMR

इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने एक बयान में कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन सार्स-सीओवी-2 के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कारगर है, जबकि डेल्टा के खिलाफ उनकी प्रभावशीलता डेल्टा प्लस वेरिएंट की टेस्टिंग की जा रही है।

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Jun 26, 2021
Covishield and Covaccine effective against Covid alpha-beta-gamma-delta variants: DG-ICMR

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के प्रकोप से निपटने के लिए देश-दुनिया में तेजी के साथ टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन कोरोना के नए-नए वेरिएंट सामने आने के बाद से शोधकर्ताओं व स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। ऐसे में मौजूदा समय में लगाए जा रहे तमाम वैक्सीन की प्रभावकारिता को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं।

हालांकि, तमाम स्वास्थ्य विशेषज्ञ व डॉक्टर्स मान रहे हैं कि अभी जो भी वैक्सीन दी जा रही है वह कोरोना के करीब सभी वेरिएंट के खिलाफ कारगर है। भारत में लगाए जा रहे कोवैक्सीन और कोविशील्ड को भी कोरोना के सभी वेरिएंट के खिलाफ काफी कारगर माना जा रहा है।

इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने एक बयान में कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन सार्स-सीओवी-2 के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कारगर है, जबकि डेल्टा के खिलाफ उनकी प्रभावशीलता डेल्टा प्लस वेरिएंट की टेस्टिंग की जा रही है।

भार्गव ने उल्लेख किया कि कई वेरिएंट वाले टीकों की न्यूट्रलाइजेशन क्षमताओं में कमी वैश्विक साहित्य पर आधारित है, जिससे पता चलता है कि कोवैक्सीन अल्फा वैरिएंट के साथ बिल्कुल भी नहीं बदलता है और इसलिए यह वैसा ही है जैसा कि स्टैंडर्ड स्ट्रेन के साथ होता है।

कोविड के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन कारगर

बलराम भार्गव ने कहा "कोविशील्ड अल्फा से 2.5 गुना कम हो जाता है।" "डेल्टा वेरिएंट के लिए कोवैक्सीन प्रभावी है, लेकिन एंटीबॉडी प्रतिक्रिया तीन गुना कम हो जाता है।" भार्गव ने कहा, "कोविशील्ड के लिए, यह दो गुना कमी है, जबकि फाइजर और मॉडर्न में यह सात गुना कमी है।"

उन्होंने कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन सार्स-कोविड-2 - अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा के वैरिएंट के खिलाफ कारगर हैं। भार्गव के अनुसार, डेल्टा प्लस वैरिएंट को भी आईसीएमआर-एनआईवी में पृथक और संवर्धित किया गया है और डेल्टा प्लस वैरिएंट पर टीके के प्रभाव की जांच के लिए प्रयोगशाला में टेस्ट किया गया है।

भार्गव ने आगे कहा, "हमें ये परिणाम सात से 10 दिनों में मिलने चाहिए कि क्या टीका डेल्टा प्लस वैरिएंट के खिलाफ काम कर रहा है।" भार्गव ने यह भी कहा कि कोविड -19 की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है और बताया कि तीसरी लहर को रोकना संभव है बशर्ते व्यक्ति और समाज कोविड के उचित व्यवहार का पालन करें। उन्होंने सुझाव दिया कि लोगों को सामूहिक रूप से इकट्ठा होने से बचना चाहिए, मास्क का सही और लगातार उपयोग करना चाहिए और किसी भी संकेतक हॉटस्पॉट की तुरंत पहचान करने की आवश्यकता है।

Updated on:
26 Jun 2021 10:52 pm
Published on:
26 Jun 2021 10:23 pm
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