
एम्स या मान्यता प्राप्त सरकारी लैब से मौलाना कराए कोरोना टेस्ट।
नई दिल्ली। निजामुद्दीन मरकज ( Nizamuddin markaj ) को लेकर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ( Crime Branch ) की जांच जारी है। जांच क्रम में क्राइम ब्रांच की टीम ने तबलीगी जमात ( Tablighi Jamaat ) प्रमुख मौलाना साद के बेटे को अपने कार्यालय में बुलाकर कई घंटे तक पूछताछ की। पुलिस ने मौलाना के बेटे से मरकज में आने-जाने वालों की व्यवस्था करने वाले गायब 20 कर्मियों के बारे में जानकारी मांगी है। ये कर्मचारी तबलीगी जमात के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद से गायब हैं।
इस बार क्राइम ब्रांच ने मौलाना के बीच वाले बेटे से अपने कार्यालय में बुलाकर घंटों तक सघन पूछाताछ की है। मौलाना का बीच वाला बेटा मुख्यालय की गतिविधियों में ज्यादा सक्रिय रहता है और मरकज के कामकाज में अहम भूमिका निभाता है। साद के इस बेटे से पुलिस ने तबलीगी जमात मुख्यालय की गतिविधियों से जुड़े दस्तावेजों के बारे में भी जानकारी मांगी। मुख्यालय प्रबंधन से जुड़े 6 पदाधिकारियों के साथ ज्यादा बैठक यही करता था। इस मामले में क्राइम ब्रांच की राडार पर मौलाना के सभी बेटे और भांजे हैं।
इसके अलावा जांच टीम के निशाने पर एक ट्रस्ट भी है जिसकी भूमिका संदेह के घेरे में है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस ट्रस्ट को लेकर मौलाना साद ( Maulana Saad ) समेत कुल 11 लोगों से क्राइम ब्रांच पूछताछ करने की तैयारी जुटी है। जांच टीम को एक शख्स के बारे में जानकारी मिली है कि उसने पिछले दिनों कुछ रकम विदेश भेजी है। उससे पूछताछ कर जांच टीम अब यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आखिरकार यह रकम किसकी थी, उसे किसने मुहैया कराई और यह रकम किसे भेजी गई।
एक बार फिर क्राइम ब्रांच ने जमात प्रमुख कोरोना जांच कराने के निर्देश दिए हैं। मौलाना के बेटे से पुलिस ने साफ कहा कि वह मौलाना की एम्स या मान्यता प्राप्त सरकारी लैब से कोरोना जांच ( Corona Test ) कराए और क्राइम ब्रांच को रिपोर्ट सौंपे। हालांकि इसके पहले भी क्राइम ब्रांच ने टेस्ट कराने को कहा था।
बता दें कि क्राइम ब्रांच को अबतक की तफ्तीश में पता चला है कि निजामुद्दीन मकरज के 20 ऐसे कर्मचारी हैं जो यहां आने-जाने वाले जमातियों की व्यवस्था से जुड़े हैं। वे सभी केस दर्ज होने के बाद से गायब हैं।
पुलिस को इनके बारे में उन ट्रैवेल एजेंट से जानकारी मिली जिन्होंने मरकज आने वाले विदेशी जमातियों के रहने-खाने से लेकर आने-जाने की व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रखी थी। इन कर्मियों के मोबाइल फोन से लेकर ईमेल आईडी को भी सर्विलांस पर लगाकर महत्वपूर्ण जानकारी पुलिस ने हासिल की है।
Updated on:
06 May 2020 02:05 pm
Published on:
06 May 2020 10:36 am
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