
Priyanka
नई दिल्ली। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने सोमवार को दावा किया है कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की सुरक्षा में लखनऊ में स्कूटर से प्रदर्शन के दौरान कोई चूक नहीं हुई। सीआरपीएफ ने इस संबंध में जांच के बाद यह घोषणा की है। इसके अलावा सीआरपीएफ ने प्रियंका पर सुरक्षा घेरे से बाहर निकलकर प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि शनिवार को प्रियंका गांधी ने दावा किया था कि जब वह बीते 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में प्रदर्शन करने के दौरान गिरफ्तार किए गए सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी के परिजनों से मिलने जा रही थीं, तब पुलिस ने उन्हें रोकने के प्रयास में परेशान किया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनका काफिला रोक दिया था।
इसके बाद पुलिस और उनके बीच काफी बहस हुई और फिर प्रियंका ने अपने वाहन से उतरकर पार्टी नेताओं के साथ पैदन चलना शुरू कर दिया। वह कुछ दूर पैदल चलीं और स्कूटर में बैठने तक महिला अधिकारी लगातार उनसे वापस जाने के लिए कहती रही। जहां प्रियंका गांधी ने कहा था कि उन्हें गर्दन से पकड़कर नीचे गिरा दिया गया, पुलिस ने इसका खंडन किया।
प्रियंका गांधी को जेड प्लस कैटेगरी की सिक्योरिटी के अंतर्गत सशस्त्र कमांडो मुहैया कराने वाली सीआरपीएफ ने एक पत्र में कहा कि कांग्रेस महासचिव ने बिना जानकारी दिए यह कदम उठाया था। इसलिए इसके लिए उनका एडवांस्ड सिक्योरिटी लायजन (ASL) नहीं किया जा सका। सीआरपीएफ के इस बयान में कहा गया है, "यात्रा के दौरान उन्होंने बिना निजी सुरक्षा अधिकारी और गैर-बुलेट प्रतिरोधी नागरिक वाहन का इस्तेमाल किया था, लेकिन सुरक्षा बाधाओं के बावजूद, सीआरपीएफ ने उन्हें उचित सुरक्षा कवच प्रदान किया।"
इस संबंध में कांग्रेस ने पार्टी के नेता की सुरक्षा में "उल्लंघन" को लेकर लखनऊ के हज़रतगंज के सर्कल अधिकारी अभय मिश्रा और अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ उनके "कदाचार" पर एक आधिकारिक शिकायत दर्ज की। पार्टी ने सीआरपीएफ आईजी, दिल्ली को एक पत्र भी लिखा।
इस बीच, प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि वह इस घटना से "बेहद परेशान" थे, लेकिन कांग्रेस नेता के "दयालु" होने और उन लोगों तक पहुंचने पर "गर्व" कर रहे थे जिन्हें आपकी ज़रूरत है।"
Updated on:
30 Dec 2019 02:37 pm
Published on:
30 Dec 2019 02:36 pm
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
