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Cyclone Nisarga: मुंबई में बाढ़ के खतरे के बीच BMC ने संभाला मोर्चा

Cyclone Nisarga के चलते Mumbai में Flood का खतरा BMC ने संभाला मोर्चा, जल जमाव से निपटने के लिए तैनात की टीमें Corona संक्रमित इलाकों में पानी भराव के खतरे ने बढ़ाई चिंता

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Dheeraj Sharma

Jun 03, 2020

Mumbai BMC on Alert due to Cyclone nisarga

चक्रवाती तूफान निसर्ग से निपटने के लिए बीएमसी ने कसी कमर

नई दिल्ली। चक्रवाती तूफान निसर्ग ( Cyclone Nisarga ) तेजी से आगे बढ़ रहा है। दोपहर से शाम के बीच इसके मुंबई ( Mumbai ) के समुद्र तट से टकराने के आसार बने हुए हैं। दरअसल रविवार को मुंबई ने कोरोना वायरस ( Coronavirus ) के सबसे बड़ी उछाल 40 हजार के आंकड़े को पार किया और सप्ताह के बीच में माया नगरी के लिए एक और बड़ी समस्या मुंह बाहे खड़ी है। चक्रवाती तूफान निसर्ग ( Nisarga Cyclone ) के चलते मुंबई पर बाढ़ का खतरा भी मंडरा रहा है।

हालांकि इससे निपटने के लिए बीएमसी ( BMC ) ने कमर कस ली है। मुंबई में हाई टाइड आने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मुंबई में रात 9 बजे के आस-पास हाई टाइड ( High Tide ) आ सकता है। इस दौरान 110 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। वहीं समुद्र में भी 6 फीट से ज्यादा ऊंची लहरें उठ सकती हैं। ऐसे में मुंबई को एक बार फिर पानी-पानी होने से बचाने का बड़ा दारोमदार बृहन मुंबई नगर पालिका ( BMC ) को है।

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बीएमसी ने मंगलवार को चक्रवात निसर्ग के लिए अपनी आपदा प्रतिक्रिया योजना को सक्रिय कर दिया है। शहर को बाढ़ जैसे खतरे से बचाने के लिए टीम पर हाई अलर्ट पर रखा गया है। धारावी, दादर और माहिम सहित सभी इलाके जी-वार्ड के भीतर आते हैं, जिसमें शहर में कोविद सकारात्मक मामलों की संख्या सबसे अधिक है। ऐसे में बीएमसी के सामने चुनौती काफी बड़ी है।

इसके साथ ही मुंबई के कई निचले इलाकों जैसे कुर्ला, बाइकुला, वडाला और अंधेरी में संक्रमित लोगों की संख्या काफी है। ऐसे में तूफान के चलते स्वास्थ्य सुविधाओं पर प्रतिकूल प्रभाव ना पड़े इसको लेकर भी बीएमसी के सामने बड़ा संकट खड़ा है।

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भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि मुंबई को चक्रवात के कारण बेहद भारी वर्षा और तेज गति की हवाओं का अनुभव होने की संभावना है, जिससे झुग्गियों पर सबसे बुरा असर पड़ता है, साथ ही बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित होती है। पेड़ गिरने और बाढ़ के कारण तबाही होती है।

कमिश्नर चहल ने अधिकारियों के साथ तूफान के दौरान बचाव और उसके बाद की स्थिति से निपटने पर विचार-विमर्श किया। साथ ही आपात स्थिति में कैसे निपटना है, लोगों को तत्काल मदद कैसे पहुंचानी है और बचाव कार्य कैसे करना है, इस पर ऐक्शन प्लान बनाया।

इसके लिए सभी 24 वॉर्डों में कंट्रोल रूम बनाए गए। साथ ही पेड़ गिरने, घर गिरने या अन्य स्थितियों में कैसे कार्य करना है, इस पर रणनीति बनाई गई है।

कमिश्नर ने आदेश दिया कि जलजमाव वाले एरिया में पानी जमा होने पर वहां के लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू टीम को उन इलाकों में तैनात कर दिया जाए।

इन मोर्चों पर तैयारी
- मुंबई के सभी फ्लडिंग स्पॉट पर विशेष ध्यान दिया जाए।
- सभी पंपिंग स्टेशनों को तैयार रखे जाएं, जिससे निचले इलाकों में पानी न लगने पाए
- इमर्जेंसी नंबर पर आने वाले फोन पर क्विक रेस्पॉन्स दिया जाए।
- समुद्र के किनारे बीच पर लाइफगार्ड की तैनाती
- एनडीआरएफ की टीम सहित बचाव राहत दल के साथ सामंजस्य बनाए रखना

- 20 टीम NDRF की तैनात
- 8 टीम मुंबई में
- 5 रायगढ़
- 2 पालघर
- 2 थाने
- 2 रत्नागिरी
- 1 टीम सिंधूदुर्ग में तैनात की गई है।
मुंबई में धारा 144 लगाई गई है। लोगों से सैर-सपाटे के लिए समुद्री तटों पर नहीं जाने को कहा गया है। पार्कों में जाने पर रोक है. लोगों से घरों में रहने की अपील की गई है।