11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

COVID-19 Vaccine की तरफ बड़ा कदम, भारत बायोटेक को फेज 3 ट्रायल की अनुमति

स्वदेशी कोरोना वायरस वैक्सीन ( covid-19 vaccine ) विकसित करने में जुटा भारत बायोटेक। शुक्रवार को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने दी फेज-3 ट्रायल की इजाजत। आईसीएमआर के साथ साझेदारी में कंपनी जुटी है कोरोना वैक्सीन बनाने में।

2 min read
Google source verification
DCGI allows Bharat Biotech's COVID-19 Vaccine phase 3 trial

DCGI allows Bharat Biotech's COVID-19 Vaccine phase 3 trial

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग में एक ताजा अपडेट सामने आया है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ( DCGI ) ने शुक्रवार को भारत बायोटेक को स्वदेशी COVID-19 वैक्सीन (कोवैक्सिन) के लिए फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति प्रदान कर दी।

बड़ी खबरः कोरोना वायरस वैक्सीन की 100 करोड़ डोज तैयार करने में जुटा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया

इस संबंध में एक सरकारी अधिकारी ने कहा, "DCGI ने भारत बायोटेक की COVID-19 वैक्सीन ( covid-19 vaccine ) के लिए विषय विशेषज्ञ समिति की सिफारिश का पूरी तरह से विश्लेषण किया है। शुक्रवार को शीर्ष दवा नियामक ने फार्मा दिग्गज को कोवैक्सिन के लिए भारत में फेज-3 के क्लीनिकल ट्रायल करने की मंजूरी दी।

इससे पहले एएनआई ने गुरुवार को बताया था कि विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने विस्तृत विचार-विमर्श किया और फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल के लिए डीसीजीआई को इस शर्त के अधीन अनुमति देने की सिफारिश की कि रोगसूचक मामलों के लिए प्राथमिक प्रभावकारिता समापन बिंदु (प्राइमरी एफिकेसी एंडप्वाइंट) में संशोधन किया जाना चाहिए।

एसईसी ने ध्यान दिलाया, "5 अक्टूबर को कंपनी ने निष्क्रिय कोरोना वायरस वैक्सीन (BBV152) पर फेज-I और II से अपना डेटा के साथ-साथ एनएचपी सहित दो प्रजातियों में पशु चुनौती डेटा को प्रस्तुत किया। इस दौरान कंपनी ने टीके की प्रभावकारिता का आकलन करने के प्रस्ताव के साथ फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल कार्यक्रम संचालित करने की स्वीकृति मांगी।"

कोरोना वैक्सीन के लिए 2022 तक करना पड़ सकता है इंतजार, WHO की मुख्य वैज्ञानिक ने दी जानकारी

DGCI ने जुलाई में भारत बायोटेक को COVID-19 के लिए स्वदेशी वैक्सीन विकसित करने के लिए फेज I और II क्लीनिकल ट्रायल के संचालन की अनुमति दी थी।

भारत बायोटेक ने पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) द्वारा वायरस स्ट्रेन को आइसोलेट करते हुए देश में निर्मित COVID-19 वैक्सीन के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ साझेदारी की है।

अन्य देशों में वैक्सीन पहुंचाने पर चर्चा जारी

ताजा जानकारी के मुताबिक संभावित कोरोना वायरस वैक्सीन में दिलचस्पी दिखाने वाले 10 से अधिक देशों के साथ भारत बायोटेक चर्चा में जुटा है।

शुरुआती चरणों में सुरक्षित

यह टीका लगभग 1,000 लोगों पर किए गए पहले दो चरणों के परीक्षणों में किसी भी बड़े दुष्प्रभावों के बिना सुरक्षित पाया गया था। इनमें से 90 फीसदी से अधिक ने कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित कीं।

कई देशों में क्लीनिकल ट्रायल

कंपनी क्लीनिकल ट्रायल और टीका लगाने के लिए साझेदारी के बारे में कुछ देशों से चर्चा कर रही है। जबकि कुछ देशों में स्थानीय स्तर पर वैक्सीन के निर्माण के लिए बातचीत हो रही है। ये देस दक्षिण अमरीका, एशिया और मध्य एशिया और पूर्वी यूरोप में हैं।


बड़ी खबरें

View All

विविध भारत

ट्रेंडिंग