
death certificate
नई दिल्ली। देश में तेजी से फैल रही महामारी की चपेट में आकर कोरोना संक्रमित लोगों की तादाद में काफी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। जिसमें कई राज्य तो ऐसे भी हैं जहां पर संक्रमण रुकने का नाम ही नही ले रहा है। इन्हीं के बीच उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस राज्य में रोज हजारों की संख्या में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। और वहीं, सैकड़ों मरीजों की रोज मौत भी हो रही है। इससे लोगों के बीच एक डर समा गया है। पिछले साल की अपेक्षा इस साल की तुलना करें तो मौत का आंकड़ा कई गुना बढ़ गया हैं। इस बात की पुष्टि इन दिनों नगर निगम, नगर पालिका मुख्यालयों और जोन कार्यालयों में आ रहे मृत्यु प्रमाणपत्र (Death Certificate) के आवेदन कर रहे हैं। ये हालात तब हैं जब कोरोना संक्रमण काल में बढ़ी मौतों की संख्या की वजह से सरकारी कार्यालयों में मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने वालों की भीड़ तेजी से उमड़ने लगी है। हालांकि, कोरोना प्रोटोकाल का अनुपालन कराते हुए आवेदन लिए जा रहे हैं।
यूपी के लगभग सभी जिलों में पिछले वर्ष की तुलना में इस साल कई गुना आवेदन किए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, प्रयागराज में अप्रैल 2020 में कुल 229 मृत्यु प्रमाणपत्र बने थे। और इस साल के अप्रैल महीने में मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए 734 लोगों ने आवेदन किया हैं। जोकि पिछले साल से तीन गुना अधिक है। आंकड़े के मुताबिक, प्रयागराज के श्मशान घाट पर हर रोज करीबन 30 से 40 शवों को जलाया जा रहा है। नगर निगम के मुताबिक, 27 अप्रैल तक दारागंज विद्युत शवदाह गृह में करीब 400 शवों का दाह संस्कार हुआ था। जिसमें से 20 से ज्यादा शव लावारिश थे।
प्रयागराज के साथ-साथ आगरा और अलीगढ़ में भी मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। आगरा में बीते दो महीने में मृत्यु प्रमाणपत्र के करीब 80 आवेदन आए हैं, जबकि पूर्व में यह संख्या काफी कम थी।
Published on:
02 May 2021 01:09 pm
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