
Driving License
नई दिल्ली। कोरोनाकाल के बाद से ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) बनवाने को लेकर वाहन चालकों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। क्योंकि सेंटर्स पर भीड़ होने के चलते उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ता है। साथ ही कुछ नियमों में बदलाव के चलते प्रक्रिया में ज्यादा वक्त लग रहा है। ऐसे में लोगों की सहूलियत के लिए दिल्ली सरकार ने अहम फैसला लिया है। इसके तहत अब लर्निंग व परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों को पहले अप्वाइंटमेंट लेना होगा। साथ ही सरकार ने इस काम के लिए 45 दिनों का वेटिंग पीरियड निर्धारित किया है। इस समय सीमा के अंदर डीएल बनाने की सभी प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी।
ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर लोगों की बढ़ती भीड़ और वेटिंग लिस्ट को लंबा होता देख दिल्ली सरकार ने ये कदम उठाया है। इसके लिए दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आरटीओ विभाग के अधिकारियों से पेंडेंसीय कम करने और वेटिंग पीरियड निश्चित करने का आदेश दिया है। बताया जाता है कि दिल्ली के जनकपुरी और लोनी आरटीओ ऑफिस में दो महीने से भी ज्यादा की वेटिंग चल रही है। ऐसे में लोगों को डीएल बनवाने में परेशानी न हो इसके लिए परिवहन मंत्री ने अधिकारियों के साथ मीटिंग करके इस बारे में बातचीत की। इस दौरान लाइसेंस के लिए केसों को ऐसे जोन में ट्रांसफर किए जाने पर भी विचार किया गया जहां लाइसेंस के लिए कम आवेदन हैं।
ऑटोमेटेड टेस्ट ट्रैक भी है वेटिंग का कारण
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुछ आरटीओ अधिकारियों का मानना है कि डीएल बनवाने के लिए वेटिंग लिस्ट लंबी होने का कारण ऑटोमेटेड टेस्ट ट्रैक का होना भी है। उनके मुताबिक बहुत से वाहन चालक ऑटोमेटेड टेस्ट में फेल हो जाते हैं। इनमें कई ऐसे लोग भी शामिल हैं जिनकी ड्राइविंग अच्छी है इसके बावजूद वे ट्रैक के नियमों को पूरा नही कर पाते हैं। ऐसे में वे लोग दोबारा से ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करते हैं। इसी के चलते आरटीओ में लगातार आवेदनकर्ताओं की सूची बढ़ती जा रही है।
Published on:
20 Dec 2020 07:09 pm
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