
delhi covid-19 death case
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कहर से जूझती दिल्ली सरकार पर भारतीय जनता पार्टी शासित दिल्ली नगर पालिका के वरिष्ठ नेताओं ने बड़ा आरोप लगाया है। इन नेताओं ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार द्वारा घोषित किए जा रहे COVID-19 के मौत के आंकड़ों और श्मसान-कब्रगाहों से मिली संख्या में भारी अंतर है।
हालांकि इस आरोप को लेकर दिल्ली सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इससे पहले भी कहा गया था कि अस्पतालों द्वारा दी जा रही कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की संख्या और सरकार के हेल्थ बुलेटिन के बीच में काफी विसंगति है।
भाजपा के नेतृत्व वाले उत्तर दिल्ली नगर निगम में स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन जय प्रकाश ने दावा किया कि इलाके में 21 मई तक कोरोना वायरस पॉजिटिव 282 लोगों का स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत या तो अंतिम संस्कार किया गया है या उन्हें दफनाया गया है। यानी उनके इलाके में अब तक 282 लोगों की मौत कोरोना वायरस के चलते हुई है।
वहीं, दक्षिण दिल्ली नगर निगम में सदन के नेता कमलजीत सहरावत ने भी दावा किया कि असलियत में मौत का आंकड़ा काफफी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि निगम के आंकड़ों के मुताबिक इलाके में कोरोना वायरस के 309 पॉजिटिव मरीजों का अंतिम संस्कार किया गया है या दफनाया गया है।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार द्वारा बीते 21 मई को जारी हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक राजधानी में तब तक 194 लोगों की मौत कोरोना वायरस महामारी के चलते हुई थी। वहीं, शनिवार को जारी हेल्थ बुलेटिन में यह संख्या बढ़कर 231 पहुंच चुकी है।
जय प्रकाश ने आरोप लगाया कि अगर नई दिल्ली और दक्षिण दिल्ली नगर निगम से मिले आंकड़ों को मिला लिया जाए, तो 21 मई तक ही यह संख्या करीब 600 पहुंच जाती है, जो कि दिल्ली सरकार द्वारा किए जा रहे मौत के आंकड़ों का तीन गुना है। आम आदमी पार्टी की सरकार अपना चेहरा बचाने के लिए मौत के आंकड़ों को कम बता रही है।
उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल सरकार को डर है कि अगर जनता को मौत के असल आंकड़े पता चल गए तो यह उनके दावों की हवा निकाल देंगे कि दिल्ली में कोरोना वायरस के हालात नियंत्रण में हैं।
Updated on:
24 May 2020 09:27 am
Published on:
24 May 2020 09:11 am
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