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हत्या की कोशिश करने वाले आरोपी को कोर्ट ने दी अनूठी सजा, अब करना होगा ये काम

दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनाई अनूठी सजा हत्या की कोशिश करने वाले आरोपी युवक को सुनाई सेवा की सजा जस्टिस प्रसाद ने सजा सुनाने के पीछे दिया दिलचस्प तर्क

Dheeraj Sharma

Mar 13, 2021

Delhi High Court
दिल्ली उच्च न्यायालय

नई दिल्ली। आम तौर पर अपराधियों को सुधारने के लिए अदालत कड़ी से कड़ी सजा देती है, ताकि वे भविष्य में अपराध करने से पहले उसकी सजा के डर से रुक जाएं। लेकिन दिल्ली की अदालत ने एक आरोपी को सुधारने के लिए अनूठी सजा दी।

दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने हत्या की कोशिश के आरोपी 21 साल के एक युवक की ओर से अपने किए अपराध पर पछताने के बाद उसे ऐसी सजा सुनाई जिसे जानकर आप भी कहेंगे वाह। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

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करना होगी सामुदायिक सेवा
दिल्ली हाईकोर्ट ने हत्या की कोशिश के आरोपी 21 साल के एक युवक को सामुदायिक सेवा करने की सजा सुनाई है। दरअसल कोर्ट ने अपना ये फैसला तब सुनाया है जब इस आरोपी ने अपने अपराध को लेकर पछतावा जाहिर किया।

कोर्ट ने आरोपी को एक महीने तक दिल्ली के गुरुद्वारा बंगला साहिब में सामुदायिक सेवा करने का निर्देश दिया है।

जज ने ये दिया तर्क
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने यह कहते हुए आरोपी मोहम्मद उमैर के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया कि वह 21 साल का एक युवा है और उसका पूरा जीवन उसके आगे पड़ा है, और यह तथ्य कि दोनों पार्टियों ने समझौता कर लिया है।

आपको बता दें कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

इस दौरान करना होगी सामुदायिक सेवा
आरोपी को सजा के तौर पर जो वक्त चुना गया है वो 16 मार्च से 16 अप्रैल के बीच का है। न्यायधीश प्रसाद ने इस दौरान गुरुद्वारा बंगला साहिब में सामुदायिक सेवा करने का निर्देश दिया।

आगे क्या?
फैसले के मुताबिक एक महीना पूरा होने के बाद, अभियुक्त को आदेश का अनुपालन दिखाने के लिए हाईकोर्ट में गुरुद्वारा बंगला साहिब से मिला एक प्रमाण पत्र दायर करना होगा।

इतना जुर्माना लगाने के साथ दी चेतावनी
कोर्ट ने आरोपी पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। इसके साथ ही ऐसी गतिविधियों में शामिल न होने और भविष्य में अपराध से दूर रहने की चेतावनी भी दी।

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युवाओं के लिए नसीहत
कोर्ट ने कहा कि युवाओं को अपने गुस्से को काबू करना सीखना चाहिए और यह भी ध्यान रखना चाहिए कि वह कानून अपने हाथ में नहीं ले सकते।