
नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस द्वारा 18 दिसंबर को एक महिला वकील को गिरफ्तार करने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में आज वकीलों ने हड़ताल की । इस हड़ताल की वजह से कोर्ट का कामकाज बाधित हुआ । इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्यकारी चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने दिल्ली पुलिस के दक्षिण-पूर्व के डीसीपी रोमिल बानिया को इस मामले में विभागीय जांच करने का आदेश दिया ।
पुलिस बदसलूकी करने का आरोप
आपको बता दें कि वकील दीपा आर्या को 18 दिसंबर को सफदरजंग पुलिस थाने के एसआई नरेश कुमार ने मयूर विहार जाकर गिरफ्तार किया । गिरफ्तारी से पहले उक्त महिला वकील की बेईज्जती करने का आरोप है । पुलिस ने उनके आवास के खुले दरवाजे को तोड़ दिया और उन्हें वाशरुम से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया । सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक एसआई नरेश कुमार शिकायतकर्ता की बीएमडब्ल्यू कार से महिला वकील के आवास पर गया था । महिला वकील का आरोप है कि पुलिस उनके साथ बदसलूकी और अभद्रता के साथ पेश आईं।
वकील पर पीछा करने का आरोप
आपको बता दें कि वकील दीपा आर्या के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354(डी) के तहत पीछा करने का आरोप है । कानून के मुताबिक पीछा करने का मामला केवल पुरुषों के खिलाफ ही दर्ज किया जा सकता है । जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस की योग्यता पर सवाल उठाते हुए दिल्ली पुलिस की खिंचाई की थी ।
हाईकोर्ट ने नगर निगमों को लगाई फटकार
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने साफ सफाई नहीं रखने पर आप सरकार और नगर निगमों को फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर आप अपने स्कूलों से कचरा नहीं हटा सकते तो आप किस तरह की शिक्षा देंगे। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल ने कहा, ‘‘इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कचरे को एकत्रित करने, उसे हटाने और उसका निस्तारण करने की जिम्मेदारी दिल्ली के नगर निगम की है। पीठ ने नगर निगमों को डांट लगाते हुए कहा कि निराशाजनक रूप से वे अपने काम को करने में असमर्थ हैं।
Published on:
19 Dec 2017 06:54 pm
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