
नई दिल्ली.
दिल्ली हाईकोर्ट में सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रदीप पूनिया के खिलाफ वाइटहैट जूनियर के सीईओ और संस्थापक करण बजाज की मानहानि के मामले की सुनवाई हुई। जस्टिस मुक्ता गुप्ता की एकल पीठ के सामने करण बजाज की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी उपस्थित हुए। पुनिया ने महिला शिक्षकों की गुणवत्ता पर ट्वीट किए थे, जिसे कोर्ट ने हटाने के लिए कहा। कोर्ट ने कहा कि पुनिया वाइटहैट के काम के तरीके पर चर्चा कर सकते हैं, लेकिन बिना जाने उनकी टीचर्स के खिलाफ दावा करना दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक है।
जस्टिस गुप्ता ने कहा आप कह रहे हैं कि उनकी टीचर हाउसवाइफ हैं, जो निरक्षर हैं। आप ऐसी अपमानजनक बातें कैसे कर सकते हैं ? बिलकुल यह मानहानि है।
‘महिलाओं की ऊंचे पदों की ख्वाहिश देश की जीत’
केंद्र सरकार ने सोमवार को कोर्ट को बताया कि सेना में 70 फीसद महिला ऑफिर्स को स्थायी कमीशन दे दिया गया है। 615 में से 422 को बोर्ड ने फिट पाया है। जस्टिस डीवाय चंद्रचूड, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ ने सुनवाई की। केंद्र की ओर से वरिष्ठ अधिवता बालासुब्रमण्यम ने पीठ तो सूचना दी तो जस्टिस चंद्रचूड ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत अच्छी बात है। महिलाएं ऊंचे पदों पर जाने की ख्वाहिश रखती हैं तो यह देश की जीत है। मेरे लिए भी यह महान अहसास है
Published on:
24 Nov 2020 11:23 am
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
